रायपुर। छत्तीसगढ़ में दो तिहाई से भी अधिक बहुमत से सत्ता में लौटी कांग्रेस के आलाकमान ने आज राज्य के नए मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया है, पर इसका ऐलान शनिवार को यहां होने वाली विधायक दल की बैठक में होगा।
पार्टी की राज्य इकाई के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने यहां बताया कि राज्य के लिए नियुक्त पार्टी पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्य के प्रभारी पीएल पुनिया के साथ मुख्यमंत्री पद के चारों दावेदार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष डा.चरणदास महंत एवं कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य एवं सांसद ताम्रध्वज साहू विशेष विमान से शनिवार को यहां पहुंचेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायक दल की बैठक होंगी जिसमें राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होगा। इससे पूर्व आज मुख्यमंत्री के चारों दावेदारों ने नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। गांधी ने एक एक कर दावेदारों से राज्य में नेतृत्व के बारे में विचार विमर्श किया।
गांधी के बुलावे पर आज सुबह मुख्यमंत्री पद के दावेदारों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा.चरणदास महंत दिल्ली पहुंचे थे। इस पद के एक और दावेदार कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य ताम्रध्वज साहू पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे। इस पद पर किसी नेता की नियुक्ति करने का एकतरफा निर्णय लेने की बजाय आलाकमान दावेदारों के बीच सहमति बनाकर दूसरे राज्यों की तरफ फैसला करने की रणनीति अपना रहा है।
खड़गे ने दो दिन पूर्व यहां पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक की बैठक में हिस्सा लिया था जिसमें नेता तय करने का अधिकार राहुल गांधी को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस बैठक के बाद उन्होने एक एक कर विधायकों से मुख्यमंत्री के नाम के लिए उनकी राय ली थी। खड़गे ने कल हुई संक्षिप्त बैठक में गांधी को अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी थी।
गांधी ने विधायकों की राय लेने के साथ ही राज्य के पार्टी कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री के लिए उनकी पसन्द जानने रायशुमारी करवाई है। शक्ति एप के जरिए गांधी ने कार्यकर्ताओं से उनकी पसन्द के मुख्यमंत्री का नाम पूछा है। गांधी द्वारा पार्टी के राज्य एवं जिला पदाधिकारियों से भी रायशुमारी की गई है।
कांग्रेस के इतिहास में यह पहला मौका है जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं की भी राय मुख्यमंत्री का नाम तय करने में ली गई हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालने वाले भूपेश बघेल मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार है, जबकि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य ताम्रध्वज साहू को भी इस पद का दावेदार माना जा रहा है। दुर्ग से सांसद साहू ने नामांकन के अऩ्तिम क्षणों में पार्टी अध्यक्ष गांधी के निर्देश पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था।
राज्य के चर्चित सीडी कांड में बघेल को जेल भी जाना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने का प्रयास किया। बघेल अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार एवं छत्तीसगढ़ गठन के बाद जोगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
इस पद के एक और प्रमुख दावेदार नेता प्रतिपक्ष सिंहदेव ने चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले तक काफी समन्वय से बघेल के साथ काम किया और संघर्ष में उनके साथ रहे। अन्तिम समय में दोनो के बीच थोड़े खटास की खबरें आती रही है।
इस पद के प्रमुख दावेदार पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. महंत मध्यप्रदेश में लम्बे समय तक मंत्री रह चुके है। उन्हे सौभ्य एवं सभी को साथ लेकर चलने वाला नेता माना जाता है। पद के तीन दावेदार बघेल, साहू एवं महंत अन्य पिछड़ा वर्ग से जबकि एक मात्र दावेदार सिंहदेव सामान्य वर्ग से है। सिंहदेव सरगुजा के पूर्व राजा है।