सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला परिषद चुनावों के लिए आज नामांकन भरने की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। कांग्रेस और भाजपा ने जिला निर्वाचन अधिकारी को सिंबल सौंप दिया है। फिलहाल दो वार्ड भाजपा और कांग्रेस के लिहाज से महत्वपूर्ण है। वार्ड संख्या 5, जहां से भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित के भाई अर्जुन पुरोहित चुनाव लड़ रहे हैं।
उन्हें जिला प्रमुख का दावेदार माना जा रहा। कांग्रेस के लिहाज से वार्ड संख्या 11 महत्वपूर्ण है। यहां से हरीश चौधरी को टिकिट दिया गया है। नीरज डांगी गुट को छोड़कर आए चौधरी संयम लोढ़ा के लिए साख का प्रश्न माने जा रहे हैं। ऐसे में जिला प्रमुूख के भी दावेदार माने जा रहे हैं। इन दोनों वार्डों और इनके टिकिट वितरण की जद्दोजहद पर सबगुरु न्यूज ने जो फील्ड और इनसाइड जानकारी जुटाई वो क्रमवार पाठकों से शेयर की जाएगी।
सबसे पहले वार्ड संख्या पांच की बात। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस पर भाजपा जिलाध्यक्ष अपने कथित अधूरे सपनों को साकार करने की जुगत में हैं। वो सपना जो पिछले जिला परिषद चुनाव में अधूरा रह गया था। इस बार अपने छोटे भाई के माध्यम से जिला प्रमुख पद की दावेदारी के इस सपने को साकार करने की कोशिश में हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शनिवार को उनके भाई अर्जुन पुरोहित ने नामांकन दाखिल कर दिया है।
ये वार्ड भाजपा के लिए सबसे मुफीद वार्ड माना जाता है। पिछले कुछ चुनावों से यहां से भाजपा जीतती आ रही है और इसलिए ये वार्ड फिलहाल जिला अध्यक्ष को सबसे ज्यादा मुफीद लग रहा है। तो क्या वाकई ये वार्ड इतना सुरक्षित है कि भाजपा यहां पर कभी नहीं हार सकती। कांग्रेस ने यहां से जगदीश पुरोहित को टिकिट देकर इस वार्ड को चर्चा में ला दिया है। सबगुरु न्यूज इस वार्ड में जाकर पड़ताल की तो जो तस्वीर सामने आई वो वाकई आश्चर्यचकित करने वाली थी।
-इसलिए बना है ये वार्ड भाजपा का
इस वार्ड में मेर माण्डवाड़ा, मोहब्बतनगर, फुंगनी, मडिया, हालीवाड़ा, जैला, तवरी पंचायत से फलवदी, सरतरा पंचायत से कुमा, सनपुर, सिलदर, आमलारी ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इसमें करीब 34 हजार 601 मतदाता हैं। इसी वार्ड से निवर्तमान जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया जीतकर जिला प्रमुख बनी थीं। इन गांवों में घूमने पर जो जानकारी सामने आई वो ये थी कि ये वार्ड मूलत: कांग्रेस का है।
यहां अनुसुचित जनजाति के भील जाति के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। लेकिन, पिछले डेढ़ दशकों से ये सभी रोजगार के लिए जिला छोड़कर गुजरात के तम्बाकू उत्पादों के उपक्रमों में काम करने चले गए हैं। अधिकांश चुनावों में ये लोग वहीं रहते हैं। फील्ड से जो जानकारी सामने आई उसके अनुसार इनकी अनुपस्थिति में पुरोहित मतदाताओं की संख्या ने इसे भाजपा का स्थायी रूप से भाजपा का वार्ड बना दिया है।
-नया चेहरा हैं कांग्रेस प्रत्याशी
इस बार भाजपा के लिए ये वार्ड उतना आसान नहीं बताया जा रहा है जितना अब तक था। पिछले चुनावों में यहां से पायल परसरामपुरिया करीब साढ़े तीन हजार से ज्यादा वोटों से जीती थीं। इसके पीछे वजह कांग्रेस का कमजोर केंडीडेट भी बताया जा रहा है। लेकिन, इस बार कांग्रेस की तरफ से इस वार्ड से जिस केंडीडेट को उतारा है वे प्रवासी उद्योगपति हैं। एक नया चेहरा बताया जा रहा है। य्ही नाम इस बार भाजपा की जीत के लिए इस क्षेत्र में चुनौति बताया जा रहा है।
-भाजपा को कैसी चुनौति?
भाजपा के लिए चिंता का जो पहला सबब है वो है इस क्षेत्र के भील समाज के मतदाता। इस बार चुनाव बारिश के मौसम में हो रहे हैं। इन तीन महीनों में गुजरात में तम्बाकू के उद्योगों में काम करने वाले सभी कामगार यहां आ जाते हैं। हर बार ध्वजा ग्यारस को फिर लौटते हैं। इस बार ये सभी कामगार यहां आ चुके हैं। 15 सितम्बर के बाद ध्वजा एकादशी के बाद जाएंगे।
दूसरा फैक्टर पुरोहित मतदाताओं का ही है। जिले में पुरोहित समाज के नौ परगने हैं। वार्ड नम्बर पांच का क्षेत्र मोटा परगना में पड़ता है। इस परगने के 22 गांव इसी क्षेत्र के हैं। कांग्रेस के केंडीडेट इसी परगने की होने की जानकारी सामने आई है और भाजपा प्रत्याशी महादेव परगना के। ऐसे में पुरोहित समाज के मतदाताओं को रुख भी यहां का परिणाम तय करेगा। यूं अर्जुन पुरोहित और उनके परिवार का पुराना राजनीतिक अनुभव है। लेकिन, ये चुनाव सीधे-सीधे भाजपा और कांग्रेस के बीच होना ये असंभव है क्योंकि ग्रामीण चुनावी शतरंज में बादशाह और वजीर ही नहीं निर्दलीय के रूप में खड़े प्यादे के अलावा रणनीति भी महत्वपूर्ण होती है।
वैसे पूर्व जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया और भाजपा से जिला प्रमुख पद के दूसरे दावेदार लुम्बाराम चौधरी भी पिछले एक साल से इसी वार्ड में काम कर रहे थे। पायल परसरामपुरिया को टिकिट नहीं मिला और लुम्बाराम चौधरी को पंचायत समिति से बाहर पिण्डवाड़ा पंचायत समिति का वार्ड संख्या 18 से टिकिट दे दिया।
वैसे सिंबल वितरण के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित जिस तरह से जिला कलक्टर कार्यालय परिसर में खड़े कार्यकर्ताओं से बीच से निकले उससे ये इशारा स्पष्ट है कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है। सिरोही पंचायत समिति के सिंबल वितरण के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ ओटाराम देवासी गए थे। जिला प्रमुख के सिंबल सांसद देवजी पटेल ने सौंपे। बाहर निकलकर सांसद और देवजी पटेल कार्यकर्ताओं के बीच आ गए वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष साइड से निकलकर अपनी कार में बैठकर निकल गए।