जयपुर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता अपने केंद्रीय नेतृत्व को लेकर दुविधा में है। राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर अब कई दिग्गज कांग्रेसियों को अखरने लगा है। अभी हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी राहुल गांधी विदेश के दौरे पर चले गए थे। हालांकि इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार के बीच में राहुल भारत आ गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा में अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाएं भी की थी लेकिन कांग्रेसियों का मानना है कि इससे पार्टी को कोई खास फायदा नहीं हो सका।
अब कांग्रेसी मोदी सरकार के खिलाफ देश में छाई आर्थिक मंदी को लेकर विराेध-प्रदर्शन करने की तैयारी शुरू करने वाले थे कि राहुल एक बार फिर देश के दौरे पर चले गए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को विदेश रवाना हुए हैं। उनके एक हफ्ते में वापस आने की उम्मीद है और माना जा रहा है कि वह इस विरोध प्रदर्शन में नवंबर के पहले हफ्ते में शामिल होंगे।वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सफाई दी है कि राहुल गांधी पहले भी बीच-बीच में ‘मेडिटेशनल ट्रिप’ जाते रहे हैं।
सुरजेवाला ने यह भी कहा कि सभी योजना उन्हीं के निर्देश पर बनाई गई है। आपको जानकारी दे दें कि कांग्रेस 1 से 8 नवंबर के बीच देश भर में 35 प्रेस कॉन्फ्रेंस करने करेगी। इसके अलावा 5 से 15 नवंबर के बीच देश के आर्थिक हालात को लेकर प्रदर्शन भी करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने 23 अक्टूबर को दिए एक बयान में कहा था कि कांग्रेस जिला मुख्यालय और राज्यों की राजधानी में प्रदर्शन करेगी और सभी निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक लिए गए हैं। राहुल गांधी की तो वह अक्टूबर के पहले हफ्ते में भी विदेश यात्रा पर गए थे जबकि उस समय हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार चरम पर था। हालांकि वापस आने के बाद उन्होंने दोनों राज्यों में रैलियों को संबोधित भी किया।
राहुल गांधी के ऐनमौके पर विदेश दौरे जाने को लेकर भाजपा भी करती है कटाक्ष
पिछले कुछ वर्षों से राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर भाजपा भी कांग्रेस के नेताओं पर कटाक्ष करती रही है। राहुल के विदेश जाने को लेकर भाजपाइयों के जवाब में कांग्रेसी पलटवार तो करते हैं लेकिन अंदरूनी कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को भी राहुल गांधी का विदेश जाना अब परेशान करने लगा है। राहुल के विदेश दौरे को लेकर हालांकि भाजपाइयों को कोई फायदा इस पर नजर नहीं आता है लेकिन राजनीति में एक दूसरे पर आरोप लगाना अब बहुत ही आम बात हो गई है।
वैसे सच्चाई भी यह है कि पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस के केंद्रीय आलाकमान को लेकर कई दिग्गज नेता परेशान बताए जा रहे हैं। अभी हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कई राज्य स्तरीय नेता भी कांग्रेस में केंद्रीय नेतृत्व को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। महाराष्ट्र मिलिंद देवड़ा और संजय निरुपम की लड़ाई भी खुलकर सामने आ गई थी। ऐसे ही हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और अशोक तंवर के बीच भी जबरदस्त वाक युद्ध दिखाई दिया था। बाद में अशोक तंवर ने तो कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा ही दे डाला था।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार