सीकर । राजस्थान में आगामी सात दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जहां सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं प्रमुख विपक्ष कांग्रेस तथा अन्य दलों में टिकट वितरण को लेकर मंथन चल रहा हैं वहीं इससे पहले सट्टा बाजार कांग्रेस की लहर का दावा कर रहा है।
चुनाव के मद्देनजर राज्य में विभिन्न जगहों पर सट्टा मार्केट ने अपनी बिसात बिछा दी है और बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव पर इस बार तीन हजार से लेकर पांच हजार करोड़ रुपए का सट्टा लगने का अनुमान है। चुनाव में हार जीत का परिणाम तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन उससे पहले सट्टा बाजार इस बार कांग्रेस को करीब 130 सीटें मिलने की उम्मीद बता रहा हैं।
राजस्थान में प्रमुख तौर पर जयपुर, फलोदी शेखावाटी हनुमानगढ़ गंगानगर बीकानेर और जोधपुर का सट्टा बाजार अपने सटोरियों के साथ सक्रिय है। सट्टा बाजार के जानकार मानते हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव में तीन हजार से लेकर पांच हजार करोड़ तक का सट्टा लगने का अनुमान है। इस बार का सट्टा बाजार पूरी तरीके से हाईटेक है. व्हाट्सएप कॉलिंग जैसे सोशल माध्यमों का उपयोग में किया जा रहा है। हालांकि अभी राजनीतिक दलों की तरफ से टिकटों का ऐलान नहीं हुआ है, लिहाजा प्रत्याशियों की हार-जीत पर अभी सट्टा नहीं लग रहा, अभी केवल भाजपा-कांग्रेस की सीटों को लेकर ही भाव जारी किए गए हैं।
सट्टा बाजार की मानें तो इस समय कांग्रेस भाजपा पर भारी दिख रही है और कांग्रेस और भाजपा के बीच सीटें मिलने का अंतर काफी ज्यादा नजर आ रहा है। राजस्थान में सट्टा बाजार की सबसे प्रमुख केन्द्र कहे जाने वाले फलौदी सट्टा बाजार में भी दोनों ही दलों के भाव जारी कर दिए हैं और उसके हिसाब से कांग्रेस की 128-130 और भाजपा की 50 से 52 सीट आने का अनुमान है।
इसी तरह शेखावाटी सट्टा बाजार में भी कांग्रेस को इस समय के माहौल के हिसाब से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 130 से 132 सीटों पर जीत सकती है जबकि भाजपा को 50 से 52 सीट मिलने का अनुमान है। श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ में भी बड़ी संख्या में सटोरिए सक्रिय बताये जा रहे हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस 132 से 134 सीटे लेकर राज्य सरकार बनाने वाली है जबकि भाजपा को 48 से 50 सीटें मिलेगी।
इसी तरह जयपुर में भी सट्टा बाजार भी मौजूदा माहाैल को देखेते हुए कांग्रेस को इस बार 131 से 133 सीटें मिलने का अनुमान लगा रहा हैं। हालांकि सट्टा बाजार का यह आंकलन टिकट वितरण से पहले का है और टिकटों के वितरण के बाद सट्टा बाजार में कई तरह के उतार-चढ़ाव आएंगे, प्रत्याशियों के नाम और चेहरों के हिसाब से भी सट्टा बाजार का अनुमान ऊपर नीचे जायेगा।