जयपुर। लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि केन्द्र की मोदी नीत भाजपा सरकार को हराने के लिये विपक्षी दलों के महागठबंधन में कांग्रेस ड्राइविंग सीट की भूमिका में रहेगी और शेष दल उसे सहयोग करेंगे।
राजस्थान प्रवास पर आए यादव ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस का समूचे देश में प्रभाव है लेकिन क्षेत्रीय दल अपने अपने क्षेत्रों में सिमटे हुए हैं ऐसे में महागठबंधन में कांग्रेस ही मुख्य भूमिका में रहेगी।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगोडा के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री बनाने के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन का मूल उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत भाजपा गठबंधन सरकार को सत्ता से हटाना है।
उन्होंने केन्द्र की मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को हर मोर्चे पर असफल बताते हुए कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए इसे हटाना सभी विपक्षी दलों की प्राथमिकता होनी चाहिए और लोकतांत्रिक जनता दल इसके लिए सतत प्रयत्नशील रहेगा।
यह पूछे जाने पर कि महागठबंधन का प्रघानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा तो उन्होंने कहा कि देश में तीन बार कांग्रेस को हटाने के लिए भी भी गठबंधन बना था जिसमे किसी को भी प्रधानमंत्री के रुप में घोषित नहीं किया। उन्होंने कहा कि 1977, 1989 और 1996 इसके उदाहरण है और कांग्रेस उस समय सबकी दुश्मन थी। उस गठबंधन में 1996 को छोडकर भाजपा भी शामिल थी।
असम में हाल ही में जारी हुए राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) के बारे में पूछे गए सवाल पर यादव ने कहा कि यह मुददा गंभीर है और केन्द्र सरकार को इसे लागू करने से पूर्व सर्वदलीय बैठक बुलाकर मंथन करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में मानवीयता के आधार पर लोगों का अदान प्रदान होता रहा है और भारत पाकिस्तान, बांग्लादेश के विभाजन तथा म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों का शरणार्थी के रूप में भारत आना इसके ज्वलंत उदाहरण है।
उन्होंने केन्द्र की मोदी नीत भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा कि इस सरकार ने जनता से किया गया कोई भी वादा पूरा नहीं किया और केन्द्र की जीएसटी, नोटबंदी सहित अनेक अदूरदर्शी नीतियों के कारण देश में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और किसान आत्महत्या की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
समाज के हर वर्ग द्वारा आरक्षण मांगने करने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण सरकारी नौकरियों में लगातार कमी आ रही है। ऐसे में हर वर्ग को रोजगार की मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण आरक्षित वर्ग के लिए रखी गई नौकरियाें में कमी के कारण उन्हें भी रोजगार नहीं मिल रहा है।
उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तरप्रदेश के देवरिया में बालिकाओं के साथ हुई यौनशोषण को गंभीर बताते हुए केन्द्र सरकार से उच्चतम न्यायालय के न्यायाघीश की निगरानी में इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि इन मामलों में संबंधित दोषियों के खिलाफ अलग अलग प्रकरण दर्ज कर शीघ्र इसका फैसला होना चाहिए साथ ही एसी घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय स्तर पर अलग से आयोग का गठन करने की भी मांग की।