बेलगावी। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कांग्रेस के विरोध के बीच धर्मांतरण रोधी विधेयक पेश किया वहीं सदन के बहिष्कार से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने विधेयक की प्रति को फाड़ दिया।
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने निचले सदन में इस विधेयक पेश किया जिसपर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस सदस्यों द्वारा सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस सबसे गैर-जिम्मेदार पार्टी है, जो केवल अराजकता पैदा करने और विरोध प्रदर्शन करने में आगे रहती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य के लोगों, खासकर उत्तरी कर्नाटक के लोगों को जिससे परेशानी है। ऐसे मुद्दें पर वह बहस में शामिल नहीं होती है। बल्कि वह सिर्फ हंगामा और विरोध करती है।
विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि इस विधेयक को ‘चुपके से’ से पेश किया गया है क्योंकि लंच ब्रेक तक इस विधेयक का उल्लेख सूची में नहीं किया गया था।
कांग्रेस नेता शिवकुमार ने सवाल किया कि सरकार जल्दी में क्यों है? सदन में हंगामें के दौरान विधेयक फाड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है। मुझे विधेयक को फाड़ने का अधिकार है। मैं अपने खिलाफ किसी कार्रवाई से परेशान नहीं हूं। सभी को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है। जब कांग्रेस सत्ता में आएगी, तो हम इस विधेयक को निरस्त कर देंगे।
कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा कि विपक्ष को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस बात की जानकारी दी गई थी। विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए विधानसभा अध्यक्ष विश्वेशर हेगड़े कागेरी ने कहा कि कांग्रेस के मुख्य सचेतक अजय सिंह को लंच ब्रेक से पहले जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि सदन में विधेयक पर बुधवार को बहस होगी।