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Construction permission may be possible after a month in mount abu - Sabguru News
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एक महीने में सर्वर स्थापित कर ऑनलाइन प्रक्रिया से माउंट आबू में मिलेगी निर्माण अनुमति

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एक महीने में सर्वर स्थापित कर ऑनलाइन प्रक्रिया से माउंट आबू में मिलेगी निर्माण अनुमति
Nakki lake mount abu
माउंट आबू नगर पालिका में भवन निर्माण समिति की बैठक में चर्चा करते सदस्य।
माउंट आबू नगर पालिका में भवन निर्माण समिति की बैठक में चर्चा करते सदस्य।

परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-माउंट आबू। बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद एक महीने में माउंट आबू नगर पालिका का सर्वर और पोर्ट स्थापित करके भवन निर्माण की ऑनलाइन आवेदन और स्वीकृति की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी जाएगी।

माउंट आबू नगर पालिका की भवन निर्माण और संकर्म समिति की गुरुवार को आयोजित बैठक में ये निर्णय किया गया। समिति अध्यक्ष सुनील आचार्य ने बताया कि समिति सचिव और आयुक्त ने मामूली मरम्मत के काम, जिसमे नक्शे स्वीकृति की जरूरत नहीं है, के लिए स्वीकृति की एक पखवाड़े में दिए जाने के समिति के अनुरोध पर भी सहमति जताई।
बैठक में करीब आधा दर्जन एजेंडे थे। इसमे सबसे प्रमुख भवन निर्माण एवं मरम्मत के प्रकरण का था। इस बिंदु पर चर्चा के दौरान समिति ने निर्माण की सहमति शीघ्र जारी कर लोगों को राहत दिए जाने की आवश्यकता जताई। आयुक्त ने कहा कि राज्य सरकार के निर्णय अनुसार ऑफलाइन आवेदन और नक्शे लेने के लिए राज्य सरकार की अनुमति नहीं है। इस पर ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए आवश्यक तकनीकी सेट अप स्थापित करने पर बात हुई।

इस चर्चा में सामने आया कि ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए अपना सर्वर स्थापित करना होगा। आबूरोड यूआईटी के सर्वर में स्पेस होने की जानकारी मिलने पर उसके सर्वे को इस्तेमाल किये जाने पर सहमति हुई। इसके लिए राऊटर और अन्य इक्विपमेंट को खरीदने में 10 लाख रुपये तक खर्च होने की जानकारी समिति को मिली। उदयपुर में स्थापित सेट अप को देखने के लिए समिति के निरीक्षण करने के लिए जाने और इक्विपमेंट खरीदने पर सहमति बनी।

बैठक में आयुक्त से अनुरोध किया गया कि बाई लॉज़ के अनुसार मामूली मरम्मत के जिन कामों के लिए नक्शों की आवश्यकता नहीं हैं ऐसे कामों की अनुमति एक पखवाड़े में राज्य सरकार द्वारा स्थापित समिति द्वारा दी जाए। इस पर आयुक्त ने सहमति जताई। वहीं एक महीने में ऑनलाइन आवेदन के सेट अप स्थापित करने के बाद जिन अनुमतियों में नक्शों की आवश्यकता है उन निर्माणों और नविनिकरन की अनुमति दिए जाने पर सहमति बनी। बैठक के सचिव नगर पालिका आयुक्त डॉ रविन्द्र गोस्वामी थे। बैठक में समिति सदस्य नारायणसिंह भाटी, बद्रीलाल काबरा, राधा राणा, कस्तूरी कंवर, भगवानाराम राणा, आरओ महेंद्र बंजारा आदि मौजूद थे।
मॉनिटरिंग कमिटी के पास पेंडिंग हैं 359 फाइल्स
बैठक में ये सामने आया कि मॉनिटरिंग कमेटी के पास नए निर्माण, रिपेयर आदि की 359 पत्रावलियां पेंडिंग हैं। जिनमे रिपेयर की 97, नए निर्माण की 190, तोड़कर फिर निर्माण करने की 16, ऊपरी मंजिल निर्माण की 37 और सरकारी भवनों की 16 पत्रावलियां शामिल हैं। इन पत्रावलियों को।मॉनिटरिंग कमिटी से पुनः मंगवा कर इन्हें नियमानुसार निर्माण-मरम्मत आदि की प्रक्रिया में शामिल किये जाने पर सहमति बनी।
आयुक्त तक पहुंची ही नहीं निविदाओं की पत्रावलियाँ
बैठक में एक जानकारी जो सामने आई वो आयुक्त के लिए राहत देने वाली है। विकास कार्यो की जिन निविदाओं के कार्यादेश जारी नहीं होने को लेकर पालिकाध्यक्ष उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने दूसरे दिन भी धरने पर बैठे हैं उनमें से अधिकांश पत्रवलियाँ उनके सामने नगर पालिका की विकास शाखा से पहुंची ही नहीं है। ये बात भवन निर्माण संकर्म समिति की बैठक में विकास कार्यों की निविदा के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सामने आई।

समिति अध्यक्ष ने बताया कि बैठक के बाद समिति सदस्यों ने विकास शाखा में जाकर देखा तो मालूम चला कि निविदाओं की अधिकांश पत्रावलियां वहां से अधिकारी की टेबल पर गई ही नहीं हैं।
इन मुद्दों पर बनी सहमति
बैठक में 7 एजेंडे थे। इनमें नक्की झील के निकट किसी स्थान पर 100 ऊंचा तिरंगा झंडा लगाने पर सहमति बनी। इसके अलावा नक्की झील के आसपास और शहर में 10 फ़ीट लंबे ढाई हजार पेड़ लगाने, पोलो ग्राउंड और अशोक वाटिका को विकसित करने के प्रस्ताव को भी पारित किया गया।