अजमेर। अजमेर में स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए नवनियुक्त कंस्लटेंट एजेंसी ईजीस इंडिया कंस्लटिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने भरोसा दिलाया है कि चंडीगढ़ एवं भुवनेश्वर के बाद अजमेर में भी स्मार्ट सिटी के लिए अच्छा काम कर उदाहरण पेश किया जाएगा।
गोलाटी आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के लिए एक अच्छी शुरुआत है और हमारा सौ फीसदी सहयोग अजमेर के विकास में भागीदारी निभाने के लिए रहेगा।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि कंपनी के पच्चीस साल के इतिहास में मेट्रो, एयरपोर्ट, रोड हाईवेस जैसे महत्वपूर्ण काम किए गए है। इसकी 2700 तकनीकी लोगों की टीम सक्रिय रहकर विकास का काम करती है। कंपनी ने हाल ही में चंडीगढ़ एवं भुवनेश्वर में भी स्मार्ट सिटी के लिए काम किया है।
इस अवसर पर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा तथा सचिव व नगर निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल भी उपस्थित थे।
शर्मा ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि कंस्लटेंसी कंपनी की सेवाएं अजमेर को मिल जाने से अब देश में बनने जा रही 100 स्मार्ट सिटी में सबसे आगे अजमेर रहेगा क्योंकि जो ईजीस कंपनी का सहयोग हमें मिलेगा वह कंपनी अनुभवी है और इनका नेटवर्क भी मजबूत है। इस अवसर पर कंपनी की ओर से अपने द्वारा किए गए कार्यों को प्रोजेक्टर के माध्यम से भी पेश किया गया।
कंपनी के महत्वपूर्ण कार्यों में सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट कार्य को प्राथमिकता से लिया जाएगा। साथ ही स्मार्ट सिटी के कार्यों की डीपीआर बनाने, इंजीनियरिंग कार्य तथा तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह मिल सकेगी जिससे स्मार्ट सिटी को पंख लग सकेंगे।
एक सवाल के जवाब में कंस्लटेंट एजेंसी के प्रतिनिधि अतुल दत्ता ने बताया कि गत दिनों एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद से ही कंपनी अजमेर में अस्तित्व में आ चुकी है और इसका कार्यालय अजमेर-जयपुर हाईवे स्थित घूघरा घाटी पर स्मार्ट सिटी लिमिटेड भवन से ही संचालित होगा और यहीं से अटके हुए कामों को गति मिल सकेगी।
गौरतलब है कि अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कंपनी को 12 करोड़ 40 लाख रुपए में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट तैयार करने का ठेका दिया है जो तत्काल प्रभाव से लागू होते हुए 18 महीने के लिए आगे 22 जनवरी 2021 तक जारी रहेगा और इस अवधि में कंपनी को पूरा कार्य करना होगा।
स्मार्ट सिटी की घोषणा के बाद अजमेर के लिए कंस्लटेंट कंपनी के रूप में स्पेन की इप्तिसा को 13 फरवरी 2017 को 19 करोड़ 99 लाख 54 हजार रूपए में ठेका दिया गया था लेकिन उनकी सेवाएँ संतोषप्रद नहीं होने से 9 जून 2017 को उसे हटा दिया गया जिसका मामला न्यायालय में लंबित है।