नयी दिल्ली । उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को इसी सत्र में पेश करने की आज सरकार को सलाह दी तथा इसे ध्वनि मत से पारित करने की विपक्ष से अपील की।
पासवान ने सरकार को उस वक्त यह सलाह दी जब वह लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी सदस्य एन.के. प्रेमचंद्रन ने सरकार से यह जानना चाहा कि उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित रखने तथा वस्तुओं एवं सेवाओं में खामियों से संबंधित शिकायतों के निपटारे के लिए सरकार क्या तंत्र विकसित कर रही है।
इस पर पासवान ने कहा कि लोकसभा में लंबित उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 एक क्रांतिकारी विधेयक है, जिसके कानून बनने के बाद जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग स्थापित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि विधेयक में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान है, जो उपभोक्ताओं के हितोें का संरक्षण करेगा। उन्होंने सदन में उपस्थित संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार से आग्रह किया कि वह 10 अगस्त को संसद के अनिश्चितकाल तक स्थगित होने से पहले इस विधेयक को सदन में विचार एवं पारित कराने के लिए पेश करें। उन्होंने विपक्षी दलों से भी अपील की कि वे इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करायें।
उपभाक्ताओं के मुकदमों के निपटारे में होने वाली देरी के बारे में पूछे गये एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में पासवान ने कहा कि यह विषय राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र में आता है। उन्होंने राज्य सरकारों से अपील की कि वे जिला एवं राज्य स्तरों पर खाली पड़े उपभोक्ता संरक्षण फोरमों में खाली पड़े अध्यक्ष या सदस्य के पदों को जल्द से जल्द भरें।