मंगलुरु। कर्नाटक की मंगलुरु पुलिस ने रविवार को हिंदू महासभा की कर्नाटक इकाई के निष्कासित सचिव धर्मेंद्र सूरतकल और राजेश पवित्रन को महात्मा गांधी से संबंधित एक विवादास्पद बयान और जालसाजी के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया।
धर्मेंद्र ने उच्चतम न्यायालय के 2009 के आदेश के अनुसार मंदिरों के विध्वंस के मुद्दे पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और भारतीय जनता पार्टी के के दो अन्य नेताओं बीएस येदियुरप्पा और शशिकला जोले को धमकी दी थी।
मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने बताया कि धर्मेंद्र और पवित्रन को संगठन में उनके आपत्तिजनक व्यवहार के लिए दो साल पहले हिंदू महासभा से निष्कासित कर दिया गया था।
पवित्रन ने कल धर्मेंद्र की उस टिप्पणी का समर्थन किया था जिसमें उसने कहा था, “हमने महात्मा गांधी को नहीं छोड़ा और बसवराज बोम्मई, बी एस येदियुरप्पा और शशिकला जोले जैसे लोग तो किसी भी उल्लेख के योग्य नहीं हैं।
धर्मेंद्र ने यह टिप्पणी भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की निष्क्रियता की निंदा करते हुए की थी। उसने कहा था कि अगर भाजपा नेता मंदिरों को तोड़ना जारी रखते हैं तो उनके कार्यकर्ता लोगों से भविष्य के चुनावों में उन्हें वोट नहीं देने की अपील करेंगे।
यदि भाजपा नेता हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। हम लोगों के समक्ष जाएंगे और उनसे अगले चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने की अपील करेंगे।
उसने पिछले हफ्ते मैसुरु जिले में महादेवम्मा मंदिर के विध्वंस पर मीडिया को संबोधित करते हुए यह बात कही। उसने सरकार को उच्चतम न्यायालय को सौंपी गई सूची में शामिल किसी एक चर्च या मस्जिद को गिराने की चुनौती भी दी।
पुलिस ने निष्कासित हिंदू नेता के खिलाफ कल आपराधिक साजिश, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी, जालसाजी और अन्य आरोप में शिकायत दर्ज की थी।