नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने आदर्श, संजीवनी, नवजीवन जैसी मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार राजस्थान के पीड़ित निवेशकों की राशि लौटाने में मदद करनी चाहिए।
आंजना आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन द्वारा राजस्थान के छोटी बचत करने वाले लाखों लोगों की गाढ़ी कमाई को हड़पा गया है। इन सब पीड़ित परिवारों के साथ बड़ा धोखा हुआ है, यह बहुत ही व्यथित करने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान के पीड़ित निवेशकों की राशि लौटाने में मदद करें।
उन्होंने कहा कि विभिन्न केन्द्रीय एजेन्सियां जैसे ईडी, इन्कम टैक्स विभाग आदि आपस में सहयोग एवं समन्वय कर पीड़ित निवेशकों को राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ईडी एवं इनकम टैक्स विभाग ने मांग आपूर्ति हेतु सम्पत्तियों को जब्त कर रखा है इससे छोटे निवेशकों को भुगतान में बाधा आ रही है, पहले सर्वप्रथम निवेशकों को राहत देनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र सरकार इन एजेंसियों को निर्देशित करें।
आंजना ने कहा कि राज्य सरकार के सामने जैसे ही यह विषय आया तत्काल ही राजसहकार पोर्टल खोला गया और पीड़ितों की शिकायतें ली जा रही हैं। अबतक एक लाख से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। निवेशकों के हित में डेजिग्नेटेड कोर्ट घोषित कर सात हजार इस्तगासे अभी तक दर्ज किए जा चुके हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्री अमित शाह को ध्यान दिलाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पीड़ित निवेशकों का पैसा लौटाने एवं इन सोसायटियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के लिए भी आग्रह किया हैं।
उन्होंने कहा कि मल्टी स्टेट क्रेडिट सोसायटियों के खिलाफ राज्य को दी शक्तियां सीमित है ऐसे में केंद्र सरकार बड्स एक्ट 2019 एवं मल्टी स्टेट को-आपरेटिव सोसायटीज एक्ट, 2002 में संशोधन करें ताकि राज्य सरकारों के स्तर से भी इन सोसायटियों के खिलाफ ठोस कार्यवाही की जा सके।
सहकारिता मंत्री ने सम्मेलन में नाबार्ड द्वारा रियायती दर पर उपलब्ध करवाई जा रही 40 प्रतिशत ऋण राशि को बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने की मांग की ताकि किसानों को अधिक से अधिक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा सके।
आंजना कहा कि राजस्थान में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर पैक्स का गठन किया जा रहा है अब तक एक हजार 215 पैक्स का गठन कर करीब तीन लाख नये किसानों को जोड़ा गया है। केन्द्र सरकार भी प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पैक्स गठन के लिए सभी राज्यों को प्रेरित करे ताकि औसतन 5 किलोमीटर के दायरे में लोगों को बैंकिंग सहित अन्य सुविधाएं प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कार्यभार संभालने के दो दिन बाद ही तत्काल प्रभाव से किसानों की ऋण माफी का अभूतपूर्व निर्णय लिया और करीब 15 हजार 424 करोड़ रूपए की राशि वहन की।
उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने सहकारी अल्पकालीन फसली ऋण की समस्त प्रक्रिया को जुलाई 2019 से ही बॉयोमेट्रिक आधारित तथा ऑनलाइन कर एक पारदर्शी एवं जवाबदेही तंत्र विकसित किया है। इससे वास्तविक किसान को लाभ मिलना सुनिश्चित हुआ हैं।
आंजना ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाए। राज्य में 18 लाख 22 हजार किसानों को पहली बार ऋण दिया गया है, जिसकी राशि 3 हजार 596 करोड़ रूपए है। इस वर्ष 20 हजार करोड रूपए के ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
आंजना ने कहा कि पिछले माह भारत सरकार ने एग्री इन्फा फण्ड योजना में देश में राइजिंग स्टेट के रूप में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर राजस्थान को सम्मानित किया है। इस योजना से राज्य में कृषि क्षेत्र में 747 करोड रूपए के 781 प्रोजेक्टस को स्वीकृति दी है। पैक्स के व्यवसाय विविधीकरण के लिए लगने वाले प्रोजेक्ट में भारत सरकार 80 प्रतिशत अनुदान पैक्स को उपलब्ध कराएं ताकि पैक्स सुदृढ़ीकरण के कार्य को गति मिल सके।
उन्होंने कहा कि किसानों से एमएसपी पर दलहन एवं तिलहन की खरीद एवं पंजीयन प्रक्रिया को पूर्णतया ऑनलाइन कर बायोमैट्रिक सत्यापन से वास्तविक किसान को लाभ देना सुनिश्चित किया है तथा त्वरित भुगतान करने के लिए वेयर हाउस ई-रिसिप्ट सेवा शुरू की गई है। जिससे किसानों को तीन से चार दिन में खाते में ऑनलाइन भुगतान हो रहा है।
नेफैड के भुगतान आने और उसको किसान को दिये जाने के गैप को पूरा करने के लिये राजस्थान सरकार ने एक हजार करोड़ के रिवोल्विंग फण्ड की व्यवस्था की है ताकि किसान को समय पर भुगतान किया जा सके।
आंजना ने कहा कि राज्य सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण की भावना को सुदृढ़ करने के लिए क्रमबद्ध एवं समयबद्ध रूप से निर्वाचन तहत पैक्स में निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पैक्स से पूर्व भी निर्वाचन कार्य जारी था जिसमें 8 हजार 588 सोसायटियों में निर्वाचन संपन्न हो चुके है। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर एक सबके लिए सब एक के लिए की भावना के साथ सहकारिता को मजबूत करने की दिशा में कार्य करेंगे ताकि समावेशी विकास को पूर्णतया साकार किया जा सके।