नई दिल्ली। भारत में कोविड महामारी से मुकाबले के लिए अब तक 13 देशों से सहायता सामग्री प्राप्त हुई है जिनमें नौ ऑक्सीजन जेनेरेटर, 2116 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, 1379 सिलेंडर एवं 965 वेंटीलेटर एवं सहायक उपकरण तथा करीब एक लाख 36 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन शामिल हैं।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन, मॉरीशस, सिंगापुर, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, आयरलैंड, रोमानिया, अमरीका, थाईलैंड, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम और इटली से सहायता सामग्री आयी है। रूस से करीब डेढ़ लाख स्पूतनिक-5 वैक्सीन भी भेजी है।
ये सामग्री 27 अप्रैल से लेकर रविवार दो मई तक प्राप्त हुई है। इसके अलावा सऊदी अरब से समुद्र के रास्ते 80 टन द्रवीकृत मेडिकल ऑक्सीजन आ रही है। फ्रांस ने भारत को अस्पताल में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले आठ अत्याधुनिक संयंत्र प्रदान किए हैं।
प्रत्येक नोवएयर प्रीमियम आर एक्स 400 हॉस्पिटल लेवल ऑक्सीजन जेनेरेटर 250 बिस्तरों को सालभर तक ऑक्सीजन दे सकता है। ये ऑक्सीजन जेनेरेटर आठ अस्पतालों को दस साल से अधिक समय तक अनवरत प्राणवायु प्रदान करने में सक्षम है।
सरकार ने प्राथमिकता एवं आवश्यकता के आधार पर उन आठ अस्पतालों को पहले से चिह्नित कर लिया है जहां ये संयंत्र लगाए जाएंगे। इनमें से कम से कम चार अस्पताल दिल्ली के हैं। इससे कई महत्वपू्र्ण स्थानों पर ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर राहत मिल सकेगी।
विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला के अनुसार सरकार मुख्य रूप से आक्सीजन उत्पादक संयंत्र, कन्सन्ट्रेटर, आक्सीजन सिलेंडर, क्रायोजेनिक टैंकर सहित तरल आक्सीजन हासिल करने पर फोकस कर रही है। चिकित्सा आपूर्ति सीधी खरीद एवं अन्य माध्यमों से लाई जा रही है।
उनका कहना है कि अमरीका, रूस, जापान, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन समेत 40 से अधिक देशों ने भारत की मदद के लिए मेडिकल सामग्री एवं ऑक्सीजन संबंधी उपकरण देने की पेशकश की है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 4 हजार ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, 10 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं।
भारत का मानना है कि कोविड महामारी ने विश्व के समक्ष एक अभूतपूर्व परिस्थितियां पैदा कर दीं हैं और इस महामारी से दुनिया को एकजुट होकर ही निपटना होगा।