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कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार और कर दी सुस्त - Sabguru News
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कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार और कर दी सुस्त

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कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार और कर दी सुस्त
Corona slowed the country economy further
Corona slowed the country economy further
Corona slowed the country economy further

नई दिल्ली। देश में अर्थव्यवस्था पिछले काफी समय से लड़खड़ाई हुई थी अब कोरोना वायरस ने इसे और सुस्त कर दिया है। भारत की इकोनॉमी को कोरोना वायरस का ग्रहण लगने से 30 साल के निचले स्तर पर जा सकती है। ग्रोथ रेट भारतीय इकोनॉमी के लिए कोरोना वायरस एक बड़ा संकट बन रहा है। रेटिंग एजें​सी फिच ने ये अनुमान लगाया है। फिच ने भारत की ग्रोथ रेट अनुमानों को घटाकर दो फीसदी कर दिया है।

फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि हमें इस साल वैश्विक मंदी की आशंका है और मार्च 2021 में खत्म हो रहे वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर के अनुमानों को घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। इससे पहले फिच ने अनुमान लगाया था कि जीडीपी ग्रोथ रेट 5.1 फीसदी रहेगी। तब भी फिच ने अपने पहले के अनुमान से कम किया था, जिसे अब और घटा दिया है। इससे पहले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर 4 फीसदी रह सकती है।

कोरोना वायरस से भारत ही नहीं विश्व के कई देश अर्थव्यवस्था से हैं प्रभावित

ऐसा नहीं है कि कोरोना वायरस की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है बल्कि विश्व के कई देश इस संकट से जूझ रहे हैं। अमेरिका समेत यूरोप के कई देश इस महामारी के आगे विवश हैं। इन देशों में रोजगार समेत कई आयात-निर्यात पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं। उत्पादन की मात्रा में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। कोविड-19 से विश्वभर में लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुई हैं और उद्योग एवं अन्य आर्थिक गतिविधियां बाधित हो रही हैं।

इस बीच, मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भारतीय बैंकों के आउटलुक को स्टेबल यानी स्थिर से बदलकर निगेटिव कर दिया, जिसके बाद बैंकिंग शेयर 15 प्रतिशत तक गिर गए। मूडीज का अनुमान है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक गतिविधियों में कमी आने से बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में गिरावट आएगी। बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विश्व के कई देशों में आज लॉकडाउन चल रहा है।

लॉकडाउन के बाद स्कूलों और बाजारों में ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ होगा सरकारों के लिए चुनौती

कोरोना वायरस को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉक डाउन घोषित किया है। लेकिन अब धीरे-धीरे कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर यह लॉकडाउन14 अप्रैल बाद नहीं बढ़ाया जाता है तो जाहिर है कि स्कूल, कॉलेज, मॉल और बाजार खुलेंगे उसमें लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का दायरा रखना सरकार और पुलिस, प्रशासन के लिए कम चुनौती भरा नहीं रहेगा। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन है। बाजार बंद हैं। ट्रेनें, बसें, हवाई जहाज, टैक्सियां कुछ भी नहीं चल रहा। ऐसे में सरकार ने लॉकडाउन खोलने की तैयारियों पर चर्चा शुरू कर दी है। अगर सरकार स्कूलों को खोलती है तो बच्चे कैसे सोशल डिस्टेंसिंग कर पाएंगे।

वही किताबों की दुकानों पर भी बच्चों की एक साथ भीड़ उमड़ सकती है। हालांकि अभी कोरोना की स्थिति भारत में नियंत्रण नहीं हो पा रही है, उम्मीद कम ही है कि स्कूल, कॉलेज सरकार इस माह खोलेगी। सरकार बेसिक व माध्यमिक स्कूल व कॉलेज आगे भी एक निश्चित अवधि तक बंद रखेगी लेकिन टेक्निकल व व्यवसायिक कॉलेज खोलने की तैयारी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 14 अप्रैल के बाद लॉक डाउन हटाने का संकेत दिया है। स्कूल, कॉलेज, अलग-अलग तरह के बाजार और मॉल कब और कैसे खुलेंगे राज्य सरकारें तैयारी करने में जुटी हुई हैं। अगर 15 अप्रैल से लॉकडाउन खुलता है तो सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल कराना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार