अजमेर। राजस्थान में अजमेर के विश्व विख्यात ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह सात सितम्बर से जायरीन के लिए खुलने जा रही है।
कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने दरगाह को खोले जाने के सिलसिले में आज दरगाह शरीफ पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान, खादिमों की संस्था दोनों अंजुमनों सैयद जादगान एवं शेखजादगान के अलावा दरगाह दीवान भी सात सितंबर से दरगाह खोले जाने के पक्षधर हैं।
सूत्रों ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या दरगाह के सभी द्वारों को खोले जाने अथवा नहीं खोले जाने को लेकर है। वैसे कमेटी सभी द्वारों को खोले जाने के पक्ष में है जबकि प्रशासन फिलहाल इस पर विचार कर रहा है। गत 20 मार्च से दरगाह शरीफ में मुख्य निजाम दरवाजे से केवल पासधारकों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। शेष सभी दरवाजे बंद हैं।
उधर, जानकारों का मानना है कि दरगाह के सभी दरवाजों को एक साथ खोला जाता है तो बाहर से आने वाले जायरीनों खासकर दरगाह में सक्रिय रहने वाले फकीरों पर नियंत्रण रखना न केवल प्रशासन बल्कि दरगाह प्रबंधकों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा।
इसी के चलते शाम को दरगाह स्थित महफिलखाने में दरगाह से जुड़े हुए सभी पक्षों की एक आपात बैठक आहुत की गई है जिसमें वे सरकारी गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराते हुए व्यवस्थाओं का एक खाका तैयार करके जिला प्रशासन को कल सौंपेंगे।
बहरहाल अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह और विश्व प्रसिद्ध पुष्कर स्थित ब्रह्मा जी के मंदिर को सात सितंबर से खोला जाना सैद्धांतिक रूप से तय कर लिया गया है, लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी के चलते दोनों स्थानों पर भीड़ पर नियंत्रण और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।