अजमेर। अजमेर जिले के धार्मिक स्थलों को खोले जाने को लेकर जिला स्तरीय कमेटी की बैठक कलक्टर विश्वमोहन शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिले के विधायकों और धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सभी सुझावों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भिजवाई जाएगी।
राजकीय जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में आयोजित जिला स्तरीय कमेटी की बैठक में कलक्टर शर्मा ने विधायकों एवं धर्मगुरूओं को कमेटी के उद्देश्यों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का संक्रमण अभी तक समाप्त नहीं हुआ है। जिले में भी लगातार कोरोना के नए मरीज सामने आ रहे हैं। ऎसे में धार्मिक स्थल खोले जाने के लिए पूरी सावधानी और योजनाबद्ध तरीकों से काम करने की आवश्यकता है। मानव जीवन को बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की गाइडलाईन के अनुसार धार्मिक स्थलों को खोले जाने से पहले पूरी तैयारी एवं सुरक्षा बंदोबस्त किए जाने अतिआवश्यक हैं ताकि कोरोना महामारी का संक्रमण रोका जा सके। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि धार्मिक स्थलों को खोले जाने से पहले योजना तैयार कर ली जानी चाहिए। हमें लोगों की धार्मिक और आर्थिक परिस्थितियों सहित सुरक्षा व नियंत्रित आवागमन जैसी आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाए।
बैठक में मसूदा विधायक राकेश पारीक, अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी, अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल, पुष्कर विधायक सुरेश रावत एवं ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत सहित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह एवं तीर्थराज पुष्कर से जुड़े प्रतिनिधियों एवं अन्य प्रमुख धार्मिक स्थानों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिए।
बैठक में प्रतिनिधियों ने धार्मिक स्थलों को बंद रखने का निर्णय 31 जुलाई तक बढ़ाने, 30 जून के बाद चरणबद्ध तरीके से छोटे एवं बड़े मंदिर, मस्जिद, दरगाह, गुरूद्वारे, चर्च आदि खोले जाने, इन सभी मंदिर व मस्जिदों से जुड़े लोगों को धर्मस्थल बंद रहने के स्थिति में आर्थिक सहायता तथा राज्य सरकार द्वारा गाइडलाइन तय किए जाने आदि सुझाव दिए। सभी धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधियों ने सरकार के निर्देशों की पालना करने की बात कही। इन सभी सुझावों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भिजवायी जाएगी।
यह रहे उपस्थित
बैठक में दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान, अंजुमन सैयद जादगान के अध्यक्ष हाजी सैयद मोइन हुसैन, सचिव वाहिद हुसैन अंगारा, अंजुमन शेख जादगान के अध्यक्ष अब्दुल जरार चिश्ती, दरगाह दीवान के प्रतिनिधि सैयद नसरूद्दीन चिश्ती, सरवाड़ दरगाह के मुतवल्ली मोहम्मद युसूफ खान, पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ के सचिव गोविन्द पाराशर, ब्रह्मा गायत्री तीर्थ विकास संस्थान पुष्कर के अरूण पाराशर, निम्बार्क तीर्थ के रविशंकर शास्त्री, बजरंगगढ मंदिर के रणजीतमल लोढा, मसानिया भैरवधाम राजगढ के बीएल गोदारा, नारेली जैन मंदिर के मनीष जैन, प्रमोद चंद सोनी, जतोई दरबार के प्रतिनिधि, अम्बे माता मंदिर के राजेश टंडन, अतिरिक्त कलक्टर विशाल दवे, एडीए सचिव किशोर कुमार, उपखण्ड अधिकारी अर्तिका शुक्ला, देविका तोमर सहित अन्य प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
विश्व हिन्दू परिषद प्रशासन के रवैये से खफा
धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अजमेर जिले के पूज्य संतों, महन्तों को आमंत्रित नहीं किए जाने पर विश्व हिन्दू परिषद ने आपत्ति जताई है। विहिप के विभाग मंत्री एडवोकेट शशि प्रकाश इन्दोरिया ने जारी इस संबंध में जारी विज्ञप्ति में कहा कि धार्मिक नगरी अजमेर में जैन, सिख, बौद्ध, कबीरपन्थी, सिन्धी, सनातनी, रामस्नेही, दादूपंथी, बाबा स्वामी ब्रह्माकुमारी आदि मत के बड़े केन्द्र के साथ साथ अनेकों पूज्य संत, महन्त तथा महामंडलेश्वर यहां बिराजे हैं।
चतुर्मास केन्द्र, संन्यास आश्रम, चित्ती संस्थान, लाडली घर, नृसिंह मंदिर, सीताराम मन्दिर, हनुमान मन्दिर, रामद्वारे, पूज्य सिन्धी मन्दिर, गुरुद्वारे, रंगनाथ मन्दिर, चित्र कूटधाम, नोखन्डी हनुमान, नोसर माता, नागफणी मन्दिर, साईं बाबा मंदिर आदि जहां पूज्य संतों का सान्निध्य है तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना रहता है। इन सभी के उचित प्रतिनिधित्व के बिना लिया गया निर्णय उचित नहीं होगा। इन सभी श्रद्धा केन्द्रों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाकर ही विचार विमर्श सार्थक होगा।