जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते बन्द किए गए धर्म स्थल सात सितम्बर से आमजन के लिए खोल दिए जाएंगे। कोरोना संक्रमण को लेकर बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्णय किया गया।
गहलोत ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित कोरोना से बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपायों की पालना करना अनिवार्य होगा। समय-समय पर इन धार्मिक स्थलों को सैनिटाइज भी करना होगा। सम्बन्धित जिलों के कलक्टर एवं एसपी बड़े धार्मिक स्थलों पर जाकर वहां व्यवस्थाएं देखेंगे एवं यह सुनिश्चित करेंगे कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय हों तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सही तरीके से की जाए।
उन्होंने कहा कि अक्सर यह देखने में आया है कि जहां-जहां भीड़ इकट्ठी होती है, वहां कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन, धर्म गुरूओं एवं धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए गठित कमेटी के साथ-साथ दर्शनार्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने तथा अधिक भीड़ एकत्र नहीं करने सहित भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्थ प्रोटोकॉल की पूरी तरह से पालना हो।
गहलोत ने आमजन से कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूजा, उपासना, प्रार्थना और नमाज घर पर रहकर करने का अनुरोध किया। उन्होंने निजी में भर्ती कोविड मरीजों से लाखों का बिल वसूलने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इसकी पर्याप्त निगरानी करने के साथ ही यह सुनिश्चित करे कि कोई अस्पताल इलाज के लिए आए कोविड संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए मना नहीं करे।
कोविड संक्रमण से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर निजी अस्पताल तुरन्त सीएमएचओ को इसकी सूचना दे तथा परिजनों द्वारा बिल नहीं चुका पाने की स्थिति में हॉस्पिटल द्वारा उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाए।
गहलोत ने मेडिकल कॉलेजों में गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू बेड बढ़ाने, हाई फ्लो ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के साथ ही टरशरी केयर सेन्टर्स पर गंभीर मरीजों को ही भेजने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला अस्पतालों में भी कोविड मरीजों के इलाज की पर्याप्त व्यवस्थाएं करने कहा।