नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों के कारगर नतीजे सामने आ रहे हैं और इसी का परिणाम है कि देश के 15 राज्यों के 25 जिलों में पिछले 14 दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी नया मामला सामने नहीं आया है जबकि इससे पहले इन जिलों में संक्रमित लोग पाए गए थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इनमें महाराष्ट्र का गोंदिया, छत्तीसगढ़ का दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर, कर्नाटक का उडुपि, दावणगेरे और तुमकुरू, केरल का वायनाड और कोट्टयम, गोवा का दक्षिण गोवा, हरियाणा का पानीपत, रोहतक और सिरसा, उत्तराखंड का पौढ़ी गढ़वाल, तेलंगाना का भद्रादि और कोथागुडम, मणिपुर का पश्चिमी इम्फाल, जम्मू- कश्मीर का राजौरी, पुड्डुचेरी का माहे, बिहार में पटना, नालंदा और मुंगेर, मिजोरम का पश्चिमी एजल, पंजाब का एसीफ नगर,राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला शामिल है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9152 हो गई है और रविवार से सोमवार तक 796 नए मामले सामने आए हैं और 308 लोगों की मौत भी हो गई जिनमें 35 लोगों की मौत के नये मामले भी शामिल हैं।
सकारात्मक बात यह है कि अब तक 857 लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं और कल एक ही दिन में 141 लोग स्वस्थ हुए। यह सब फील्ड स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और जिला प्रशासन की ‘कंटेनमेंट स्ट्रेटिजी” का नतीजा है और आगे भी इसी रणनीति पर काम होता रहेगा।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सरकार ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के प्रयोगशाला प्रमुखों से बात कर इस महामारी को लेकर शोध एवं नवाचार तेज करने पर जोर दिया है और कल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के निदेशकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की।
प्रयोगशालाओं के निदेशकों से कोरोना वायरस के उपचार और इससे बचाव के लिए उनके यहां किए जा रहे शोध के बारे में केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया। डॉ हर्षवर्द्धन ने वैज्ञानिकों से इस दिशा में नवाचार और बढ़ाने की बात कही ताकि इस वायरस का संक्रमण फैलने से रोका जा सके।
गौरतलब है कि सीएसआईआर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आता है। देश भर में इसकी 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं हैं जो विज्ञान के अलग-अलग क्षेत्र को ध्यान में रख कर अनुसंधान करती हैं। अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए केन्द्र सरकार डिजिटल और मॉलिक्यूलर सर्विलांस का सहारा ले रही है और सीएसआईआर देश के सरकारी तथा निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रहा है।
उन्होंने बताया कि 27 राज्यों में 78 हजार स्वयं सहायता समूहों ने 1़ 96 करोड़ मास्क बनाए हैं और एनसीसी कैडेट्स की मदद से ‘एक्सरसाइज एनसीसी’ कार्यक्रम के जरिए अपना सहयोग दिया है और 50 हजार वालंटियर ने इसमें अपना सहयोग भी दिया है।
प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस वाक्य‘ जान भी है, जहान भी है का उल्लेख करते हुए बताया कि 10 अप्रेल तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 30 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को लाकडाऊन के प्रभावों का सामना करने के लिए 28256 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी गई है।
इसके अलावा 19़ 86 करोड़ महिला जनधन खाता धारकों के खातों में 9930 करोड़ रुपए की धनराशि हस्तांतरित की गई और प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 6़ 93 करोड़ किसानों को 13855 करोड़ रुपए की सहायता दी गई। सामाजिक सहायता योजना के तहत 2़ 83 करोड़ विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को 1405 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है।
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में लॉकडाउन के प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन हो रहा है और स्थानीय पुलिस बलों की मदद के लिए सेवानिवृत्त अधिकारी भी अपना सहयोग दे रहे हैं। इसमें एनसीसी कैडेट और राष्ट्रीय सेवा योजना के वालंटियर भी आगे आ रहे हैं। इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थिति भी संतोषजनक है।
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने कल सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया है कि लाकडाउन नियमों का कड़ाई से पालन हो और इसमें यह भी कहा गया है कि राज्य के किसी भी हिस्से अथवा राज्यों के बीच कार्गो की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। इसमें खाली ट्रकों के आने-जाने के बारे में स्पष्ट किया गया है कि खाली ट्रक किसी स्थान पर सामान भरने जाते हैं या सामान उतारकर आते हैं और इनमें चालक तथा क्लीनर के आने-जाने पर कोई रोक नहीं है।
इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन से अपेक्षा कि इन ट्रकों को उनके गंतव्य स्थानों तक जाने में उनकी पूरी मदद की जाए। रेलवे, एयरपोर्ट, बंदरगाह, कस्टम और अन्य विभागों को अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों और अनुबंधित कर्मचारियों को पास जारी करने को अधिकृत किया गया है।
श्रीवास्तव ने बताया कि सभी मैन्युफैक्चरिेंग यूनिट और एमएसएमई के क्षेत्र की इकाइयां जो आटा, दाल और तेल के उत्पादन में लगी हैं, उन पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए तथा कंपनियों के गोदामों और कोल्ड स्टोरेज का इस्तेमाल किया जा सकता है। देश के सभी हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थिति संतोषजनक है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि अब तक देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ दो लाख छह हजार दो सौ बारह नमूनों की जांच हो चुकी है और इनमें से पिछले दिन 14855 नमूनों की जांच 156 सरकारी संस्थानों तथा1913 की जांच निजी क्षेत्र की 69 लैब में की गई थी। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर घबराने की कोई आवयश्कता नहीं है और अभी भी आईसीएमआर के पास छह हफ्ते तक टेस्टिंग का पर्याप्त स्टाक है।