नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की लगातार होती जा रही भयावह स्थिति और मरीजों को अस्पतालों में इलाज को लेकर आ रही दिक्कतों के बावजूद राजनीति जारी है और आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेता एक- दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं।
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले जून माह में तेजी से बढ़े हैं। शुक्रवार को दिल्ली में वायरस के रिकार्ड 2137 नये मामले और 129 मरीजों की मौत हुई। राजधानी में कोरोना संक्रमण पर कल उच्चतम न्यायालय ने भी कड़ी फटकार लगाई थी।
दिल्ली में कोरोना जांच कम होने पर उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि आपको वायरस जांच में इजाफा करना है तो पहले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि परिषद के दिशा निर्देश की सरकार अवलेहना नहीं कर सकती है।
परिषद ने जो शर्तें लगा रखी हैं, उसी के अनुरूप पूरे देश में जांच की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जांच ज्यादा हो, इसके लिए केंद्र सरकार को परिषद से कहना चाहिए कि जांच के दिशा निर्देश में बदलाव करे और जो जरूरी समझे, वह जांच करा सके।
दिल्ली सरकार के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में कुछ टेलीविजन चैनलों पर कोरोना मरीजों की दयनीय स्थिति पर शीर्ष न्यायालय की फटकार लगने के बाद जैन ने कहा कि अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी का यह वीडियो जानबूझ कर सरकार को बदनाम करने के लिये बनवाया गया था। इस कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के मामले पूरे देश में भी हैं और दिल्ली में भी। जहां कम मामले हैं, थोड़े दिनों में उनकी संख्या भी सामने आ जाएगी। कोरोना वायरस के मामलों में मुंबई से दिल्ली 10-12 दिन पीछे चल रही है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने जैन के बयान पर बातचीत में कहा कि सरकार को राजनीतिक दोषारोपण की बजाय हकीकत को समझकर जमीन पर उतरना चाहिए और मरीजों को आ रही मुश्किलों को दूर करने पर ध्यान देना होगा।
गुप्ता ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति बहुत भयावह और चिंताजनक है। केजरीवाल सरकार पर कोरोना से निपटने में पूरी तरह नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष ने कहा कि यह विडंबना है कि दिल्ली में जब वायरस विकराल होने लगा है तो सरकार ने जांच कम कर दी और दूसरे पर दोष मढ़ना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि कोरोना मृतकों की अस्पतालों से जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे बेहद शर्मनाक हैं। मृतकों के शवों के साथ जानवरों से भी बुरा बर्ताव हो रहा है। उच्चतम न्यायालय की कल की टिप्पणी केजरीवाल सरकार के लिए आइना है और उसे दूसरों पर दोष लगाने की बजाय स्थिति को संभालने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने पर ध्यान देने की जरूरत है।
अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए जांच बढ़ाने के साथ ट्रेसिंग और कंटेनमेंट जोन बढ़ाने पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा दिल्ली में देश के 46 प्रतिशत की तुलना में मात्र दो प्रतिशत ट्रेसिंग हो रही है। दिल्ली में 78 प्रतिशत मरीज घरों में क्वारंटीन हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां सरकारी अस्पतालों में मरीज धक्के खा रहें हैं,वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पतालों की लूट जारी है और सरकार सोशल मीडिया पर बयानबाजी में व्यस्त है। गुप्ता ने कहा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीति बयानबाजी की बजाय जमीन पर उतरें और मरीजों की दिक्कतों की हकीकत समझें और इन्हें दूर करने के लिए काम करें।
आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने फिर हमला बोला और कहा बीमारी का सरकारीकरण बंद हो, परिषद दिशा निर्देश को परिवर्तित करे। केंद्र सरकार,किसी भी व्यक्ति को कोरोना जांच कराने की छूट दे, राज्यों को अधिक से अधिक जांच किट उपलब्ध कराई जाए और देशभर में प्रयोगशालाओं को जांच के लाइसेंस दिए जाएं। सिंह ने कहा देश इस वक़्त भयानक संकट में है। हर राज्य की परिस्थिति बिगड़ रही है, सबको एकजुट रहकर इस महामारी से लड़ना है।