कोरोना वारयस ने चीन ही नहीं अपितु पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। जिसके चलते दुनिया भर के 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 43,098 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 40,171 तो केवल चीन के लोग है। अब एक बड़ा खुलासा हुआ है कि चीन सरकार मरने वालों की सख्यां को छुपाने के लिए बड़ी संख्यां में इनके शवों को जला रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि शव को जलाने में बहुत ज्यादा सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकलती है। और यह इसलिए भी अजीब है क्योंकि चीन में शवों को जलाने की परम्परा नहीं है।
चीन के वुहान शहर की कुछ सैटेलाइट पिचर्स सामने आई है। जिसमें शहर के ऊपर आग के बड़े गोले जैसा कुछ दिखाई दे रहा है। जो इस बात का संकेत है कि सल्फर डाइऑक्साइड बहुत ज्यादा मात्रा में निकल रही है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इतनी ज्यादा मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड गैस तभी निकलती है, जब कोई मेडिकल वेस्ट जलाया जा रहा हो, या फिर लोगों के शव जलाए जा रहे हो। चीन की सोशल मीडिया पर यह भी जानकारी चल रही है कि वुहान शहर के बाहरी हिस्से में लोगों के शव जलाए जा रहे हैं।
वुहान में सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर 1700 यूजी/क्यूबिक मीटर है, जो खतरे के स्तर से 21 गुना अधिक है। 80 यूजी/क्यूबिक मीटर खतरनाक माना जाता है। ऐसी ही तस्वीर चोंगक्विंग की भी है। वहां भी महामारी बड़े पैमाने पर फैली है। यह वुहान से 900 किमी दूर है।
पर्यावरणीय विशेषज्ञों के मुताबिक इतना ज्यादा सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकलने का मतलब है कि करीब 14 हजार शव जलाए गए होंगे। सिर्फ यही नहीं, अमेरिका के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक शवों को जलाने पर सल्फर गैस के अलावा पैरा-डाईऑक्सिन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड जैसे केमिकल भी निकलते हैं।
वुहान में पिछले वीकेंड पर सल्फर डाइऑक्साइड गैस की मात्रा अभी 1350 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर थी। जो कि सामान्य से बहुत अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सामान्य तौर पर सल्फर डाइऑक्साइड गैस 80 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर से बहुत कम होनी चाहिए।
कुछ मीडिया संस्थानों के अनुसार, वुहान में अगले कुछ दिनों में करीब 5 लाख लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ऐंड ट्रॉपिकल मेडिसिन ने वुहान में कोरोना वायरस के फैलने के तरीकों का अध्ययन किया।
इस अध्ययन के अनुसार, अगर कोरोनावायरस के संक्रमण की यही रफ्तार रही तो फरवरी आखिर तक शहर की 5 प्रतिशत आबादी यानी 5 लाख से ज्यादा लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाएंगे।
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