कोटा। राजस्थान के कोटा में सोमवार को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोविड़-19 के खतरे के चलते अन्य वर्षों की तरह धूमधाम नहीं थी।
बड़ी संख्या में लोगों ने मिट्टी से बनाई भगवान गणेश की छोटी-छोटी प्रतिमाओं का परिवारजनों के साथ घरों में ही गमलों में विसर्जन किया।
कोटा में अनंत चतुर्दशी का त्यौहार का विशेष महत्व है और पिछले कई दशकों से इसे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर गणेश चतुर्थी से ही कोटा के विभिन्न इलाकों में सैकड़ों की तादाद में भव्य पंड़ालों में गणपति भगवान की विशाल प्रतिमाओं को सजाया जाता रहा है और सुबह- शाम वहां आरती और उसके बाद प्रसाद वितरण होता रहा था। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे लॉकड़ाउन के कारण ऐसे आयोजन नहीं हुए।
इस बार बैंड बाजों और झांकी के बिना लोगों ने सीमित संख्या में महिलाओं और बच्चों के साथ पैदल या वाहनों से जाकर चंबल नदी और नदी के दाईं मुख्य नहर पर स्थित किशोर सागर तालाब, बाई नहर पर नानता के पास भगवान गणपति का विसर्जन किया। सभी स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस का जाब्ता तैनात किया गया था और केवल छोटी प्रतिमाओं के विसर्जन करने की अनुमति दी गई।
हालांकि प्रशासन ने शहर के प्रत्येक पुलिस थाने में ट्रोलियों की व्यवस्था की थी ताकि लोग वहां अपनी प्रतिभाओं को एक साथ एकत्र कर सामूहिक रूप में प्रशासनिक देखरेख के बीच उनका विसर्जन किया जा सके।