नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण देश भर में पिछले दो महीने से भी अधिक समय से लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को अब केवल कंटेनमेंट जोन तक सीमित कर इसकी अवधि तीस जून तक बढा दी गई है।
कंटेनमेंट जोन से बाहर के क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों पर पर चौथे चरण में लागू पाबंदियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का निर्णय लिया गया है।
केन्द्रीय गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से आज इस बारे में एक आदेश जारी किया। आदेश के साथ कंटेनमेंट जोन के लिए विशेष दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण देश भर में गत 25 मार्च से पूर्णबंदी लागू है जिसका चौथा चरण 31 मई को समाप्त हो रहा है।
नए दिशा निर्देशों में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के बाहर गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा और इस दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करना होगा।
पहले चरण में आगामी 8 जुलाई से धार्मिक स्थ्लों, होटलों, रेस्तराओं और अन्य आतिथ्य केन्द्रों और शापिंग मॉल को खोलने की अनुमति दी गई है। इन गतिविधियों के लिए जल्द ही एसओपी जारी की जाएगी।
दूसरे चरण में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ सलाह के बाद स्कूल, कालेज, शैक्षणिक, प्रशिक्षण और कोचिंग संस्थान आदि खोले जाएंगे। राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश संस्थानों, अभिभावकों और अन्य पक्षधारकों के साथ भी सलाह करेंगे। इन सलाह मश्विरों के आधार पर इन संस्थानों को खोलने के बारे में निर्णय जुलाई में लिया जाएगा। इसके बारे में भी सभी संबंधित पक्षों और एजेन्सियों के साथ मिलकर एसओपी जारी की जाएगी।
तीसरे चरण में स्थिति के व्यापक आकलन के बाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा, मेट्रो रेल, सिनेमा हॉल, जिम, तरणताल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार, ऑडिटोरियम, एसेम्बली हॉल और इसी तरह की अन्य जगहों को खोलने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। साथ ही सामाजिक, राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, संस्कृति, धार्मिक समारोह और भीड वाली सभाओं के आयोजन के बारे में भी निर्णय स्थिति के आकलन के बाद ही लिया जाएगा।
दिशा निर्देशों में रात्रि कर्फ्यू को लागू रखा गया है लेकिन इसका समय बदलकर रात में नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर दिया गया है। पहले यह शाम सात से सुबह सात बजे तक था। अनिवार्य सेवाओं को इस पाबंदी से बाहर रखा गया है। कंटेनमेंट जोन में पूर्णबंदी की पाबंदी पहले की तरह 30 जून तक लागू रहेंगी। कंटेनमेंट जोन का निर्धारण दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
कंटेनेमेंट जोन में अनिवार्य सेवाओं को पाबंदी से बाहर रखा गया है। इन क्षेत्रों में लोगों की
आवाजाही पूरी तरह बंद रहेंगी और वे केवल मेडिकल इमरजेंसी तथा आवश्यक सेवाओं के लिए ही बाहर निकल सकेंगे। राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश कंटेनमेंट जोन के बाहर पहले की तरह ही बफर जोन बना सकेंगे जहां नये मामले आने की आशंका हो। इन क्षेत्रों में जिला प्रशासन अपनी ओर से पाबंदी लगा सकेंगे।
राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश जरूरत पड़ने पर स्थिति के अनुसार कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। नए दिशा निर्देशों में लोगों और सामान की राज्य के भीतर तथा एक से दूसरे राज्य में आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं होगी। इस तरह की आवाजाही के लिए किसी तरह के परमिट या पास की जरूरत नहीं होगी। यदि कोई राज्य स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति के आकलन के आधार पर आवाजाही को नियमित करना चाहते हैं तो वह इस बारे में पहले से ही व्यापक प्रचार करके लोगों को जानकारी देंगे।
यात्री ट्रेन, श्रमिक विशेष ट्रेन, घरेलू हवाई यात्रा, विदेशों में फंसे भारतीयों और देश में फंसे विदेशियों का आवागमन चौथे चरण की तरह ही एसओपी के आधार पर जारी रहेगा। जिन पडोसी देशों के साथ समझौते हैं उनमें सामान की आवाजाही में भी कोई राज्य बाधा नहीं डालेगा।
पैंसठ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों, गर्भवती महिलाओं और दस वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनिवार्य स्थिति को छोडकर घरों में ही रहने की सलाह दी गई है।
सभी सरकारी और निजी कर्मचारियों को अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप पहले की तरह की डाउनलोड करनी होगी। जिला प्रशासन को भी प्रत्येक नागरिक को यह ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। आदेश में कहा गया है कि कोई भी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश अपनी ओर से इन दिशा निर्देशों में कोई ढिलाई नहीं देगा। सभी जिला मजिस्ट्रेट इन उपायों को सख्ती से लागू करेंगे। इन उपायों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों पर मास्क पहनना पहले की तरह ही जरूरी रहेगा। सामाजिक दूरी के दो गज के नियम का हर जगह पर पालन करना होगा। बडे समारोह के आयोजन पर पाबंदी जारी रहेगी और विवाह समारोह में पहले की तरह 50 और अंतिम संस्कार में 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति रहेगी। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी पाबंदी जारी रहेगी।
दिशा निर्देशों में कहा गया है कि जहां तक संभव हो घर से कार्य करने को तरजीह दी जानी चाहिए। कार्यालयों, कार्यस्थलों, दुकानों, बााजारों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में अलग अलग समय की व्यवस्था पहले की तरह ही लागू रहेगी।