श्रीनगर। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिये श्रीनगर प्रशासन ने जिले के सभी धार्मिक स्थलों पर पांबदी लगा दी है। धार्मिक नेता नसरुल इस्लाम ने लोगों से घरों में रहने की गुजारिश करते हुए कहा कि घाटी में कोरोना को फैलने से रोकने के लिये शुक्रवार की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी।
श्रीनगर के हैदरपोरा निवासी 67 वर्षीय वृद्ध की गुरुवार हुई मौत से कश्मीर में कोरोना से मौत का पहला मामला सामने आया है। घाटी में बुधवार को चार लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जिससे राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।
कश्मीर को पुलिस उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने ट्विटर पर लिखा कि प्रबंधन समितियों की सक्रिय भागीदारी से श्रीनगर के सभी धार्मिक स्थलों को बंद कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को बचाने के लिए सभी धार्मिक स्थलों को बंद करना एक महत्वपूर्ण कदम है। घर में रहे और सुरक्षित रहे ताकि फिर से पूजा कर सकें।
उन्होंने ट्वीट किया कि प्रार्थनाएं घर से भी उतनी ही प्रभावी होती हैं, जितनी वे किसी धार्मिक स्थान से होती हैं। जब दुनियाभर में लोग घरों में कैद हैं तो लोगों को बाहर निकलने के लिए मजबूर न करें।
उन्होंने कहा कि दस्तगीर साहेब, गुरुद्वारा साहेब छठी पादशाही और अन्य मस्जिद उसका अनुसरण करें। जमीन पर काम कर रहे अधिकारियों और सभी प्रबंधन समितियों के लिए धन्यवाद।
मुफ्ती ने कोरोनो के प्रकोप के मद्देनजर सभी मस्जिदों, धर्मस्थलों की इमान और प्रबंधन समितियों सहित लोगों से शुक्रवार की सभाओं को आयोजित नहीं करने के लिए अपील की। उन्होंने कहा कि यह हमारी सुरक्षा के लिए है और इस्लाम में इसकी अनुमति है।