अजमेर/नई दिल्ली। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरे देश में प्रभावी लॉकडाउन की स्थिति और कुछ राज्यों में कर्फ्यू लगाए जाने के कारण पॉलट्री उद्योग के समक्ष पक्षियों के भोजन, दवा और उसकी बिक्री की समस्या उत्पन्न हो गई है।
पॉलट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रमेश चंदर खत्री और सचिव रनपाल सिंह ने गुरुवार को बताया कि मुर्गियों के दाने की आपूर्ति में बाधा के कारण उसकी मौत का खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही दाने के मूल्य में भारी वृद्धि कर दी गई है। मुर्गियों के दाने में मिलाए जाने वाले विटामिन और एमिनो एसिड की आपूर्ति भी बाधित हो गई है।
उन्होंने बताया कि अस्थानीय अधिकारियों और पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
सरकार ने लॉकडाउन से मुर्गी के दाने और पशुचारे की आपूर्ति को बाहर रखा है लेकिन वाहनों के नहीं चलने और यदि किसी वाहन से इसकी आपूर्ति का प्रयास किया जाता है तो पुलिस ऐसे वाहनों को नहीं चलने देती है जिसके कारण न तो मुर्गी दाने की आपूर्ति हो पा रही है और न ही दवाओं तथा अन्य जरूरी समानों को मंगाया जा रहा है।
खत्री ने बताया कि सोया डीओसी एक प्रमुख मुर्गी आहार है जिसकी कीमत में छह-सात रुपए प्रति किलो की वृद्धि कर दी गई है। पहले यह 28-30 रुपए प्रति किलो मिलता था जिसकी कीमत अब बढ़कर 35 से 37 रुपए प्रतिकिलो हो गई है। इसके साथ ही मक्का, बाजरा और टूटे चावल की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। पहले से जो पक्षी तैयार थे उन्हें बाजार में नहीं भेजा जा रहा है जिससे भी पॉलट्री उद्योगों को भारी नुकसान की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर पालट्री उद्योग के संबंध में भ्रामक सूचनाएं प्रसारित की गई थीं जिसके कारण अलग-अलग स्थानों में उसकी कीमत में भारी गिरावट आ गयी थी और इससे जुड़े संगठनों ने सरकार से इस संबंध में जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया था।
पहले अफवाह, अब लाकडाउन की मार झेल रहे पोलट्री फार्मर्स
कोरोना वायरस फैलने में अंडे और चिकन मुख्य कारण जैसी अफवाह से जूझ रहे अजमेर में लाकडाउन के बाद से पोलट्री कारोबार की हालात और बिगड गई है। केन्द्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्पष्ट कर दिए जाने के बाद भी अंडे और चिकन की खपत और मार्केट में बिग्री सामान्य नहीं होने से पोलट्री व्यवसायी कारोबार बंद होने की आशंका से सहमें हुए हैं। प्रदेश में सर्वाधिक पोल्ट्री उत्पाद देने वाले अजमेर जिले के प्रति राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की बेरुखी के चलते आवश्यक खाद्य वस्तुओं की तरह अंडे, चिकन और पोलट्री फीड का परिवहन नहीं हो पा रहा। इस बारे में पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डाक्टर आलोक खरे का कहना है कि पोलट्री फार्मर्स अपनी समस्या से अवगत करा रहे हैं। उनकी समस्या के निराकरण के लिए विभाग उच्चाधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाए हुए है।