अजमेर। राजस्थान के अजमेर में भी कोरोना का नया स्वरुप ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अफ्रीका के घना से अजमेर लौटा एक सेल्समैन की जीनोम स्विकेंसिंग जांच में यह पुष्टि हुई है।
संक्रमित युवक एक हफ्ते पहले ही दिल्ली आया था। वह अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के ओमिक्रोन मरीजों के विशेष वार्ड में भर्ती है।
अजमेर के चिकित्सा विभाग ने संक्रमित युवक के परिजनों माता पिता, भाई बहन के सैम्पल जांच के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर भेजे गए हैं।
युवक के संक्रमित आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. केके सोनी के निर्देश पर युवक के आवासीय क्षेत्र नवदुर्गा कालानी, चन्द्रवरदाई नगर में सर्वे का काम शुरू कर रैण्डम सैम्पलिंग का कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अजमेर में ओमिक्रोन का पहला मामला सामने आया है।
कोरोना संक्रमण का तथ्य छुपाने पर हुई एफआईआर
अजमेर शहर में कोरोना संक्रमण की जानकारी छुपाने वाले मरीज पर चिकित्सा विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शहर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि राजकीय शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चन्द्रवरदाई नगर के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी ने कोविड पोजीटिव व्यक्ति द्वारा जानकारी छिपाने एवं अन्य व्यक्तियों के जीवन को खतरे में डालने के कारण एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
चन्द्रवरदाई नगर का एक व्यक्ति 16 दिसम्बर को घाना दक्षिणी अफ्रीका से आया। उनकी दिल्ली एयरपोर्ट पर आरटीपीसआर जांच हुई। यह रिपोर्ट पोजीटिव थी।आरटीपीसीआर जांच पोजीटिव आने के उपरान्त जीनोम टेस्ट किया गया। जीनोम टेस्ट की रिपोर्ट 22 दिसम्बर को पोजीटिव प्राप्त हुई।
उन्होंने बताया कि मरीज द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई कोविड की पोजीटिव जांच की सूचना अजमेर आने पर संबंधित क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी से छिपाई गई। इसके साथ-साथ मरीज ने अपना पता एवं मोबाईल नम्बर भी गलत बताया।
मरीज द्वारा गलत पता आशागंज के क्षेत्र का दिए जाने पर सम्पूर्ण क्षेत्र का सर्वे किया गया। सर्वे के दौरान कोई मरीज नहीं पाए जाने पर मरीज द्वारा दिए गए मोबाईल नम्बर पर पुनः सम्पर्क करने की कोशिश की गई।
मोबाईलधारक ने 20 दिसम्बर को बताया कि पोजीटिव व्यक्ति दक्षिण अफ्रीका जाने के लिए दिल्ली के लिए निकल गया है। जबकि ओमीक्रान पोजीटिव मरीज 22 दिसम्बर को घर पर ही था। चिकित्सा विभाग द्वारा मरीज को एम्बूलेंस के माध्यम से लाकर जेएलएन चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया।
उन्होंने बताया कि मरीज द्वारा पोजीटिव होने की जानकारी छिपाने के साथ-साथ गलत सूचना भी दी गई। यह लापरवाहीपूर्वक एवं गैर जिम्मेदाराना तरीके से जानबूझकर संक्रामक बीमारी फैलाने का कृत्य है। इससे दूसरों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।
इस कारण संबंधित मरीज के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 269 एवं 270 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज करवाई गई। इस कृत्य के लिए 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि संबंधित क्षेत्र में बेरिकेटिंग की गई है। इसके साथ हाइपोक्लोराइड का छिड़काव कर क्षेत्र को रोगाणुमुक्त किया गया। मरीज की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री को ट्रेस करके सम्पर्क में आए व्यक्तियों की सैम्पलिंग की गई।
पडोसियों एवं रिश्तेदारों को कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करने के लिए पाबंद किया गया है। क्वारेंटाइन किए गए किसी भी व्यक्ति के बाहर निकलने पर इसकी सूचना तत्काल प्रभाव से निकटतम पुलिस थाने अथवा पुलिस कंट्रोल रूम में देने के लिए निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति को संक्रमण हो सकता है। इससे बचने के लिए मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने तथा सैनेटाइजर का नियमित उपयोग करने की आवश्यकता है। संक्रमित व्यक्ति को बीमारी छिपाने के स्थान पर तत्काल प्रभाव से आइसोलेट होकर उपचार आरम्भ करना चाहिए। इससे स्वयं की जान बचेगी साथ ही अन्य व्यक्तियों को संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा।
चंद्रवरदाई नगर अजमेर में माइक्रो कंटेंटमेंट जोन
कोरोना मरीज मिलने के कारण चन्द्रवरदाई नगर में माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाया गया है। इंसीडेन्ट कमाण्डर एवं जिला रसद अधिकारी हेमन्त स्वरूप माथुर ने बताया कि नवदुर्गा कॉलोनी, चन्द्रवरदाई नगर में 4 कोरोना संक्रमित व्यक्ति रिपोर्ट हुए हैं।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए क्षेत्र को माइक्रो कंटेंटमेंट जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में आगामी 27 दिसंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। माइक्रो कंटेंटमेंट जोन के निवासी अपने निवास स्थान से अनावश्यक आवागमन नहीं करेंगे। सार्वजनिक तथा निजी परिवहन प्रतिबंधित रहेगा। क्षेत्र में चिकित्सा विभाग के दलों के द्वारा सेंपलिंग भी की जाएगी।