नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है तथा संक्रमितों की संख्या 30 हजार के करीब पहुंच गयी है लेकिन राहत भरी बात यह है कि पीड़ितों के स्वस्थ होने की दर मंगलवार को बढ़कर 23.44 प्रतिशत हो गयी जो सोमवार को 22.53 फीसदी थी। यह दर वैश्विक महामारी से जूझ रहे विश्व के कई देशों की तुलना में काफी बेहतर है।
देश में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर शनिवार को 20.88 प्रतिशत थी जबकि मृत्यु दर 3.1 फीसदी थी। मंगलवार को मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 23.44 फीसदी हो गयी जबकि रोगियों की मृत्यु दर पहले की तरह 3.1 प्रतिशत पर ही बनी हुई है।
देश में कल शाम से अब तक 1594 नये मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या 30 हजार के करीब पहुंच गयी तथा इसके कारण 51 लोगों की मौत होने से मृतकों की तादाद 937 हो गयी है।
देश के 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के अब तक कुल 29974 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 111 विदेशी मरीज शामिल हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की रफ्तार भी तेज हुई है और पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमित 665 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 7027 तक पहुंच गयी।
अग्रवाल ने बताया कि देश में अभी तक केन्द्र और राज्य सरकारों ने कोराेना वायरस के संक्रमण से निपटने में जो सक्रिय कदम उठाए हैं, वे बहुत ही कारगर और प्रभावी साबित हो रहे हैं और इस बात की पुष्टि इन आंकड़ों से हो जाती है। कोरोना वायरस का प्रकोप विश्व के 20 विकसित देशों में अधिकतर देखने को मिला है। इनकी जनसंख्या हमारी जनसंख्या के बराबर है लेकिन कोरोना वायरस से निपटने में हम उनसे कहीं बेहतर हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के कल के आंकड़ों को भी देखा जाए तो साफ पता चलता है कि इन विकसित देशों में पाये जाने वाले मामले हमारे देश से 84 गुना अधिक हैं और उनके यहां होने वाली मौतों की संख्या हमारे देश में हुई मौतों से 200 गुना अधिक है। यह सब केन्द्र सरकार की प्रिएम्पटिव, ग्रेडेड, प्रोएक्टिव रणनीति के तहत संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि देश में 17 जिले ऐसे हैं, जहां पहले कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले आए थे, वहां पिछले 28 दिनों से कोई भी मामला नहीं आया है और इन जिलों में दो जिलों की बढ़ोतरी हुई है जिनमें पश्चिम बंगाल का केलिम्पांग और केरल का वायनाड जिला है लेेकिन एक जिला ऐसा है जिसमें कोरोना का मामला देखने को मिला है और वह बिहार का लखीसराय है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के हल्के और मामूली लक्षणों वाले मरीजों के लिए क्वारंटीन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं लेकिन इसके बारे मे कई शर्ताें को पूरा करना होगा और ये दिशा-निर्देश मंत्रालय की वेबसाइट पर दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि आज सबसे अच्छी बात यह है कि देश में लॉकडाउन से पहले संक्रमण के दुगुना होने की दर जो पहले 3़ 2 दिन थी वह अब यह बढ़कर 10 दिनों से अधिक हाे गयी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना महामारी की जांच के लिए मई के अंत तक प्रतिदिन एक लाख जांच संभव हो सकेगी।
डॉ हर्षवर्धन ने आज यहां डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और अन्य संगठनों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में कहा कि देश में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट बनाने की प्रक्रिया का काम अग्रिम चरण में है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से अनुमति मिलने के बाद इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा और 31 मई तक देश में रोजाना एक लाख टेस्ट हो पाएंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले सात दिनों से देश के 80 जिलों में कोरोना वायरस से संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। 47 जिलों में पिछले 14 दिनों से एक भी केस नहीं आया है और 39 जिलों में पिछले 21 दिनों से कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। इसके अलावा 28 दिनों से 17 जिलों में कोई मामला सामने नहीं आया है।