अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह से जुड़े दरगाह कमेटी ने कोरोना महामारी के चलते आशिकाना-ए-ख्वाजा से अपील की है कि वे दो हफ्ते के लिए अपनी अजमेर यात्रा टाल दें और घर बैठकर गरीब नवाज की बारगाह में दुआ करें कि वे पूरे मुल्क को महफूस रखें।
दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने आज यहां संयुक्त पत्रकार वार्ता में दरगाह से जुड़े सभी पक्षों ने अपील की कि इस वायरस से हिफाजत ही इसका इलाज है। हिदायतों के मुताबिक इस पर काबू पाने के लिए ज्यादा लोगों को एक ही स्थान पर जमा नहीं होना चाहिए।
दरगाह दीवान के प्रतिनिधि सैयद नसीरुद्दीन ने कहा कि हुकूमत की सलाह के अनुसार अजमेर शरीफ आने वाले जायरीनों को इबादत और इस वबा से महफूस रहने के लिए अपने ही घरों में नमाज पढ़ने और दुआ करने के लिए कहा गया है।
अंजुमन सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने भी जायरीनों व आम लोगों से परस्पर ही दूरी बनाए रखने के लिए कहा है ताकि बीमारी न फैले। अपील में राजस्थान में लगाई गई धारा 144 का हवाला देते हुए चार से ज्यादा हजरातों के एकसाथ नहीं निकलने, दरगाह शरीफ में मौजूदगी पर रैलिंग दीवारों, दरवाजों को नहीं छूने की हिदायत दी गई है तथा सभी से राजस्थान सरकार की हिदायतों पर अमल करने के लिए कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो दिन पहले ही धर्मगुरुओं की बैठक में दरगाह के प्रतिनिधियों से दरगाह आने वाले जायरीनों को समझाइश के साथ वहां संक्रमण बचाव के लिए कदम उठाने के लिए कहा था।