अजमेर। कोरोना संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से राजस्थान में अजमेर जिले मे शिक्षकों घर घर कराए जाने वाले सर्वे में लगाने के आदेश के विरोध में आज जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शिक्षकों ने प्रदर्शन करके विरोध दर्ज कराया।
शिक्षक संघ सियाराम एवं राष्ट्रीय के बैनर तले बड़ी संख्या में शिक्षकों ने कहा कि कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने अजमेर शहर सहित पूरे जिले में घर घर सर्वे कराने के कार्य में शिक्षकों को झोंखने का काम किया है जबकि वह जानते हैं कि कोरोना संक्रमण बीमारी है और सर्वे के दौरान कोई भी शिक्षक संक्रमण ग्रसित हो सकता है। ऐसे में उस शिक्षक अथवा उसके परिवार की जिम्मेवारी कौन लगेगा।
शिक्षक नेताओं ने शर्मा से अपने तुगलकी आदेश वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि जब मेडिकल दलों ने सर्वे कर लिया तो अब शिक्षकों के माध्यम से सर्वे कराने की क्या जरुरत है। अगर मेडिकल टीम की सर्वे रिपोर्ट गलत है तो उसी टीम को उसी क्षेत्र में भेजकर जनता को जागरूक करते हुए वास्तविक रिपोर्ट मंगाई जाए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण पर घर घर जांच के लिए बीते कल ही कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने शिक्षकों के माध्यम से सर्वे कराने का निर्णय लिया है और इसके लिए सर्वप्रथम जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों का चयन किया गया है।
इन सीमावर्ती क्षेत्रों में पांच सदस्यीय दल जिसमें पटवारी, ग्राम सेवक, कृषि पर्यवेक्षक, ग्राम रोजगार सहायक, कनिष्ठ लिपिक होंगे जो पंचायतवार सर्वे के काम को अंजाम देंगे जबकि शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों को सर्वे करने के काम की जिम्मेवारी सौंपी गई है।