नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति को ‘सामाजिक आपातकाल’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि कई राज्य सरकारों, जिला प्रशासनों और विशेषज्ञों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने को कहा है।
मोदी ने देश में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति पर राजनैतिक दलों के विधायी दलों के नेताओं के साथ बुधवार को यहां वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से एक बैठक में हिस्सा लेते हुए कहा कि देश में ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी स्थिति है और इसके मद्देनजर सरकार को कई कड़े फैसले लेने पड़े हैं। हमें अभी भी पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों, जिला प्रशासनों और विशेषज्ञों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है जिसकी अवधि 14 अप्रेल को समाप्त होनी है। मोदी ने कहा कि समूची दुनिया कोरोना वायरस की भयंकर चुनौती का सामना कर रही है। मौजूदा स्थिति को मानव इतिहास में बदलते घटनाक्रम की शुरुआत करार देते हुए उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव से निपटने के लिए हमें नए समाधान करने होंगे।
इस महामारी से निपटने के लिए केन्द्र और राज्यों के तालमेल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति का गवाह बना है जिसमें सभी वर्गों के दलों ने एकजुट होकर काम किया है। इस प्रयास में प्रत्येक नागरिक की अपनेपन, अनुशासन, समर्पण और प्रतिबद्धता की भावना की भी उन्होंने प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में भी देश ने इस विकट स्थिति का सामना किया है और भारत उन कुछ गिने-चुने देशों में शामिल है जिसने अभी तक वायरस के संक्रमण की गति पर काबू किया है। उन्होंने आगाह किया कि स्थिति निरंतर बदल रही है और हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बदलती परिस्थितियों में देश को अपनी कार्य संस्कृति और कार्य शैली में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर एक व्यक्ति की जान बचाना है। कोरोना के कारण देश गंभीर आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है और सरकार इसका मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने मौजूदा स्थिति से निपटने के उपायों तथा योजनाओं विशेष रूप से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तमाम पहलुओं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिए। विभिन्न दलों के नेताओं ने समय रहते हुए स्थिति से निपटने के उद्देश्य से उठाए गए कदमों के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की और कहा कि वे सभी एकजुट होकर उनके साथ खड़े हैं।
उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल बढ़ाने और छोटे राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की मदद करने के बारे में चर्चा की। उन्होंने आर्थिक मोर्चे और अन्य नीतिगत फैसलों के बारे में भी चर्चा की। इन नेताओं ने लॉकडाउन की अवधि बढाने का सुझाव देते हुए चरणबद्ध तरीके से इस अवधि से बाहर आने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने रचनात्मक सुझावों और फीडबैक के लिए नेताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि केन्द्र और राज्यों के एक साथ मिलकर इस चुनौती से निपटने से देश में लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत हुई है और सहकारी संघवाद की भावना को बल मिला है। इस मौके पर संसदीय कार्य मंत्री और सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।