नई दिल्ली। कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ के बारे में अफवाहें फैलाने या झूठ बोलकर लॉकडाउन में राहत लेने वालों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज कोरोना और लॉकडाउन के बारे में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें बताया गया है कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। खास बात यह है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई होने पर किसी अदालत में मामले का संज्ञान भी नहीं लिया जाएगा।
अफवाहें फैलाकर लोगों को पैनिक करने वालों को एक साल का कारावास या जुर्माना हो सकता है। इसमें सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाना भी शामिल है।
लॉकडाउन के दौरान झूठा बहाना बनाकर कोई राहत या मदद लेने वालों के लिए दो साल तक के कारावास के साथ जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। आपदा राहत के लिए जारी पैसे का दुरुपयोग या निजी इस्तेमाल करने अथवा ऐसा करने के लिए उकसाने वाले को भी दो साल तक की जेल और अर्थ दंड मिलेगा।
किसी सरकारी अधिकारी या सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी व्यक्ति के कर्तव्य निर्वहन में बाधा पहुंचाने पर एक साल तक की सज़ा या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। यदि आरोपी के कृत्य से किसी की जान चली जाती है या इसका खतरा होता है तो दो साल तक की सज़ा हो सकती है।
यदि कोई अधिकारी इस दौरान अपने कर्त्तव्य निर्वहन में विफल रहता है तो उसे एक साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है। यदि कोई कंपनी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करती है तो इसके लिए जिम्मेदार कंपनी के हर अधिकारी को सजा भुगतनी होगी।