माउंट आबू। पर्यटकों से सदा गुलजार रहने वाला राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल माऊंट आबू में इन दिनों कोरोना वायरस के खौफ के चलते सन्नाटा पसरा है। यहां रोजगार के लिए मुख्य रूप से पर्यटकों पर निर्भर सभी वर्ग के लोग मायूस हैं।
स्थानीय प्रशासन ने गुरुवार को नक्की नौकायन सहित क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले सभी स्थलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। जिसके चलते नक्की नौकायन, स्थानीय जामा मस्जिद, सूर्यास्त दर्शन मार्ग स्थित आध्यात्मिक संग्रहालय, ओम शान्ति भवन, देलवाड़ा जैन मंदिर, शक्तिपीठ अधरेदवी, अचलगढ़ मंदिर, गुरुशिखर दत्तात्रेय मंदिर, पीसपार्क, सनसेट प्वाइंट, ट्रेवरटेंक, शंकरमठ, संतसरोवर, नीलकंठ महादेव मंदिर, रघुनाथ मंदिर, गणेश मंदिर सहित क्षेत्र के सभी आस्था एवं दर्शनीय स्थलों को दर्शकों के लिए बंद कर दिये जाने से इनमें सन्नाटा छा गया है।
उधर, कोरोना वायरस से बचाव को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। माउंट आबू आने वाले लोगों की गहन जांच की जा रही है। अब तक जांच में कोई भी वायरस से संक्रमित होने के लक्षण किसी में भी नहीं पाए गए। अवकाश प्राप्त चिकित्सक भी सेवाएं देने में सक्रिय भूमिका अदा कर रहे हैं।
उपखंड अधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार की देखरेख में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर गठित किए विभिन्न दल पूरा दिन सक्रिय रहे। माउंट आबू के प्रवेशद्वार पर ही पर्यटकों की जांच की जा रही है।
यहां के प्रमुख बाग-बगीचों में भी वीरानगी छाई रही। दूसरी ओर बच्चे अपने घरों एवं गलियों में ही खेलते देखे गए। पर्यटकों को खाना पैक करवाकर अपने ठहराव स्थल और वाहनों में खाने को विवश होना पड़ रहा है। माउंट आबू में हर मौसम में पर्यटकों की चहलपहल बनी रहती है, लेकिन इन दिनों यह स्थान बेरौनक हो गया है।
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के ललाट पर चिंता की लकीरें उभरनी आरंभ हो गई हैं। आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लोगों के लिए आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। व्यवसाईयों में मायूसी छाने लगी है। यह स्थिति लम्बे समय तक बनी रही तो यहां के लोगों के लिए स्थिति विकट हो जाएगी।