Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
लॉकडाउन को दो महीने पूरे होने पर इस महामारी से देश कितना बच सका - Sabguru News
होम India City News लॉकडाउन को दो महीने पूरे होने पर इस महामारी से देश कितना बच सका

लॉकडाउन को दो महीने पूरे होने पर इस महामारी से देश कितना बच सका

0
लॉकडाउन को दो महीने पूरे होने पर इस महामारी से देश कितना बच सका
coronavirus stats may june month in india
coronavirus stats may june month in india
coronavirus stats may june month in india

सबगुरु न्यूज। कोरोना महामारी से बचने के लिए केंद्र सरकार ने ठीक 2 महीने पहले यानी 25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था। इस महामारी से निपटने के लिए भारत जैसे देश में लॉकडाउन के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं था। इस महामारी से बचने के लिए केंद्र सरकार 4 लॉकडाउन अब तक लगा चुकी है। फिलहाल कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई तक जारी रहेगा। हालांकि लॉकडाउन के बावजूद देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। हम आपको बताते हैं इस दो माह के लॉकडाउन में भारत इस जानलेवा वायरस से कितना बचने में कितना सफल हो पाया है।

फिलहाल भारत में कोरोना संक्रमित के1 लाख 38 हजार से अधिक मामले आ चुके हैं। वहीं 4021 लोगों की मौत हो चुकी है। 54 हजार 441 लोग ठीक भी हुए हैं। देश में रिकवरी रेट 41.28 फीसदी है। इसके बावजूद जिस प्रकार से 7 दिनों से भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं यह भी केंद्र सरकार की सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। महाराष्ट्र का शहर मुंबई इस महामारी को लेकर सबसे ज्यादा परेशान है।

लॉकडाउन लगाने से कोरोना पर बहुत हद तक नियंत्रण लगा है

सरकार दावा कर रही है कि देश में लॉकडाउन अगर समय रहते नहीं लगाते तो आज देश में यह महामारी विकराल रूप लेती। डब्ल्यूएचओ समेत कई देशों ने भारत में लॉकडाउन लगाने की प्रशंसा की है। केंद्र सरकार की ओर से बीते शुक्रवार को 5 गणितीय आकलन पेश किए गए। इन आकलनों में 15 मई तक के आंकड़ों के आधार पर लॉकडाउन के असर का अनुमान दिखाया गया था।

सरकार ने दावा किया है कि लॉक डाउन ने कोरोना महामारी पर ब्रेक लगाने में क़ामयाबी हासिल की है। केंद्र सरकार का दावा है कि अगर लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो अब तक देश में कोरोना के औसतन 20 लाख मामले सामने आ गए होते, जबकि बीमारी से औसतन 54000 लोग जान गंवा चुके होते इस महामारी का सफल इलाज केवल वैक्सीन हीं रहेगा। हमारे देश पर भी पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, गुजरात समेत कई कई शहरों में देश के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने की कार्य में दिन-रात जुटे हुए हैं।‌

देशभर में आर्थिक गतिविधियों को उठाना पड़ा है नुकसान

दो माह के लॉकडाउन में सबसे ज्यादा अर्थव्यवस्था को अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई उसके बाद शहरों से गांव की ओर पलायन करते मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।‌ सरकार ने मुताबिक कुल चार लाख मजदूरों में से करीब 75 लाख मजदूर अपने घर जा चुके हैं। हालांकि स्पेशन ट्रेन चलने के बावजूद अभी की हजारों मजदूर सड़क के रास्ते भूखे, पैदल अपने-अपने घर लौट रहे हैं।‌ दूसरी ओर लॉकडाउन के बीच बस, ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद अब आज से घरेलू उड़ान सेवा भी शुरू हो गई है।

करीब दो महीने तक उड़ानें निलंबित रहने के बाद घरेलू विमानों का संचालन देशभर में आज से बहाल हो गया है। लेकिन स्कूल-कॉलेज, मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघर अभी भी पहले की तरह ही बंद रखने का फैसला लिया गया है। यूपी, बिहार और राजधानी दिल्ली में 50 फीसदी स्टाफ के साथ सरकारी और प्राइवेट दफ्तर खोल दिए गए हैं। कई राज्यों में स्थानीय इलाकों में बस सेवा भी शुरू कर दी गई है। विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने की व्यवस्था भी केंद्र सरकार पिछले कई दिनों से कर रही है। हालांकि महाराष्ट्र पश्चिम बंगाल ने हवाई घरेलू हवाई जहाज चलाने में लेकर विरोध भी जताया है।‌

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार