जयपुर। राजस्थान में शनिवार को 122 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आने के बाद कुल संख्या 1351 पहुंच गई है जबकि दो व्यक्तियों की मौत हो गई।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार भरतपुर में 42, जयपुर में 25, जोधपुर में 26, नागौर में 17, कोटा में पांच, अजमेर में तीन, टोंक में दो, तथा जैसलमेर एवं बांसवाडा में एक-एक नये कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए।
चिकित्सा विभाग के अनुसार जयपुर में सुभाष चौक निवासी 76 वर्षीय वृद्ध एवं शास्त्री नगर के रहने वाले 47 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई हैं। मृतक दोनों व्यक्ति यहां एमएमएस अस्पताल में भर्ती थे।
विभाग के अनुसार अब तक 47 हजार 904, लोगों के सैंपल लिए जिसमें से 1352 पॉजिटिव 39 हजार 714 नेगेटिव और 6839 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक इस वैश्विक महामारी से 19 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
अजमेर रेल म्यूजियम में अब तक ग्यारह पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इनके उपचार के तहत सभी आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। सभी शेल्टर होम में रहने वाले खानाबदोशों तथा अन्य मजूदरों आदि की जांच करवाई जा रही है।
भीलवाड़ा की तरह रामगंज में भी हो रहा है सुधार : शर्मा
जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार की सतर्कता एवं मुस्तैदी के कारण भीलवाड़ा की तरह अब जयपुर के रामगंज में भी कोरोना की स्थिति में सुधार हो रहा है और स्थिति नियंत्रण में है।
डॉ शर्मा ने आज कहा कि राज्य सरकार अपने स्लोगन के अनुसार पूरी तरह सतर्क और मुस्तैद है। सतर्कता के चलते भीलवाड़ा में कई दिनों से कोरोना वायरस का कोई पॉजीटिव मामला सामने नहीं आया है। वहीं दूसरा हॉटस्पॉट बना रामगंज भी पूरी तरह नियंत्रण में है और यहां भी पॉजीटिव मामलों की संख्या में खासी गिरावट आई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शनिवार अपराह्न दो बजे तक 1282 पॉजीटिव केस चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 183 लोग पॉजीटिव से नेगेटिव हो चुके हैं और 93 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर प्रदेश में 49 जगहों पर कर्फ्यू लगा हुआ है।
उन्होंने बताया कि रामगंज में जनसंख्या घनत्व के चलते नायला और महला में सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर विकसित किए हैं। यहां 12 से 15 हजार लोगों को क्वारेंटाइन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समझाइश के बाद वर्तमान में 1800 से ज्यादा लोग क्वारेंटाइन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। प्रदेश में रैपिड टेस्टिंग किट भी आ गई हैं। उनका भी इस्तेमाल कर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा।
डॉ. शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों सभी जिला कलेक्टर्स को 10 दिनों में सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारियों से बैठक कर चिकित्सकीय व्यवस्थाओं को मजबूत करने का खाका बनाने के निर्देश दिए हैं। सभी अस्पतालो में पर्याप्त वेंटिलेटर्स, आईसीयू, बैड, डायलेसिस, एक्स-रे की नवनीतम मशीन, सोनोग्राफी मशीन, पैथोलॉजी की बेहतर लैब व अन्य आवश्यक सुविधाओं से लैस हो।
सभी व्यवस्थाएं इतनी सुदृढ़ हों कि किसी भी मरीज को रैफर करने की जरूरत नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि 10 दिनों में आए सुझावों को किसी भी बजट से पूरा करने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि कोई बीमारी या महामारी में प्रदेशवासियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
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