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मुझे एक फोन करते मुख्यमंत्री गहलोत, रोज 100 ट्रेनें उपलब्ध कराता : शेखावत - Sabguru News
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मुझे एक फोन करते मुख्यमंत्री गहलोत, रोज 100 ट्रेनें उपलब्ध कराता : शेखावत

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मुझे एक फोन करते मुख्यमंत्री गहलोत, रोज 100 ट्रेनें उपलब्ध कराता : शेखावत

नई दिल्ली। जोधपुर के सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुझे एक फोन करके कहते कि आप केंद्र में राज्य के प्रतिनिधि हैं, हमें प्रवासी मजदूरों के लिए रोज 100 ट्रेनों की व्यवस्था करके दो, यदि मैं न करता तो दोषी कहलाता।

सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से रू-ब-रू शेखावत ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर राजस्थान सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया। भारतीय जनता पार्टी राजस्थान मीडिया विभाग की ओर से आयोजित इस वीडियो कॉन्फ्रंसिंग में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार कभी 4000 बसें होने की बात करती है तो कभी ट्रेनें चालू कराने की, लेकिन करती कुछ नहीं है।

राज्य सरकार ने अब तक चंद ट्रेनों की अनुमति ही दी है। वो भी केवल जाने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए। जबकि विभिन्न राज्यों से राजस्थान आने वाले मजदूरों के लिए ट्रेन की व्यवस्था नहीं की गई। इसके राज्यो से सम्पर्क नहीं किया गया। जबकि उत्तर प्रदेश ने 500 और बिहार ने 300 से अधिक और पश्चिम बंगाल ने अब तक 106 ट्रेन मजदूरों के लिए मांग ली। जबकि राजस्थान ने अभी तक केवल बीस ट्रेन मांगी है।

राजस्थान सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए शेखावत ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि अधिकांश बंद मिलते हैं। यदि कोई नंबर भूल से मिल भी जाए तो संतोषजनक जवाब नहीं मिलता।

केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान सरकार के उस आरोप को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार से पर्याप्त फंड नहीं मिला। उन्होंने कहा कि स्टेट डिजास्टर रिस्पोंस फंड (एसडीआरएफ) के तहत ही राज्य को 1600 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसके अलावा भी केंद्र सरकार से बड़ी राशि राज्य को भेजी गई है।

जीएसटी का भुगतान न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 46000 करोड़ रुपए राज्य को ट्रांसफर हो चुके हैं। किसी सरकार का कोई पैसा नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि जब विषय की जानकारी न हो, तब ऐसे आरोप लगाए जाते हैं।

प्रवासी मजदूरों की बेबसी के लिए कौन जिम्मेदारी है इस सवाल पर शेखावत ने कहा कि हम सब इसके जिम्मेदार हैं। मीडिया भी पैनिक फैलाने का दोषी है। सभी राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं, जिन्होंने मजदूरों के मन में यह आशा जगाई कि वो घर जा सकते हैं। साथ ही, कोरोना महामारी से उपजे हालात भी जिम्मेदार हैं। आप इतिहास उठाकर देख सकते हैं, ऐसी आपदाओं के समय मजदूर भावनात्मक रूप से घर जाना चाहते हैं। लेकिन, राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह ठीक ढंग से करती तो यह स्थिति कतई उत्पन्न न होती।

केंद्र सरकार के घोषित 20.97 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस हॉलिस्टिक पैकेज के दूरगामी परिणाम होंगे। समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ होगा। छोटा सा उदाहरण पीपीई किट और एन-95 मास्क का है। आपने देख है कि कैसे अल्प समय में हम आत्मनिर्भर हो गए हैं। दुनिया आज चीन से ध्यान हटा रही है। हमारे पास अच्छा अवसर है। बशर्ते हम अच्छी क्वालिटी दें।

शेखावत ने कहा कि कोरोना की आपदा से भारत ही नहीं बल्कि पूरा समूचा विश्व जूझ रहा है। दुनिया के ऐसे देश जो आर्थिक संपन्नता और महाशक्ति होने का दंभ भरते थे वे भी इस महामारी के चलते असहाय नजर आ रहे हैं। सुखद बात यह है कि दुनिया में दूसरे नंबर पर बडी आबदी होने के साथ विकासशील की श्रेणी में होने के बाद भी हमारा देश सीमित संसाधनों के बावजूद ​बेहतर तरीके से इस महामारी का सामना कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व, दूरदर्शिता और कठोरता से फैसले लेने से कोरोना वायरस पर लगाम कसने में हम कुछ हद तक सफल भी रहे। हमें कोई 118 दिन पहले कोरोना का क्लू मिला था। लेकिन आज हम विश्व की तुलना में बेहतर और पूरी ताकत के साथ कोरोना की रफ्तार को रोकने में सफल होते दिख रहे हैं।

शेखावत ने कहा कि जब कोरोना वायरस के संकट सामने आया तब हमे दो मोर्चों पर एक साथ काम करना था। पहला कोरोना की बढती गति को थामना और दूसरा इससे भविष्य में पडने वाले प्रभावों से सामना करने के लिए देशवासियों को तैयार करना। आज विश्व स्वीकार कर रहा है कि भारत की तैयारी की गति कोरोना वायरस रूपी महामारी की गति से तेज रही है। केन्द्र के निर्णयों तथा राज्य सरकारों द्वारा उसकी अनुपालना के साथ आमजन से मिले भरपूर सहयोग से यह सफलता मिली।

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