जयपुर। राजस्थान में आज कोरोना संक्रमण के 1593 नए मामले सामने आने के बाद यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 90 हजार 956 हाे गयी जबकि 15 लोगों की मौत होने के साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1137 हो गया है।
चिकित्सा विभाग के अनुसार सर्वाधिक 310 नए मामले जयपुर में आए हैं जबकि अजमेर में 108, अलवर में 104, बांसवाड़ा में 22, बारां में 38, बाड़मेर में 19, भरतपुर में 21, भीलवाड़ा में 36, बीकानेर में 94, बूंदी में 37, चित्तौड़गढ़ में 36, चूरु में 14, दौसा में दो, धौलपुर में 25, डूंगरपुर में पांच, गंगानगर में 14, हनुमानगढ़ में दो, जैसलमेर में पांच, झालावाड़ में 70, झुंझुनूं में 15, जोधपुर में 254, करौली में तीन, कोटा में 195, नागौर में 35, पाली में 45, प्रतापगढ़ में दो, राजसमंद में 27, सवाई माधोपुर में 12, सीकर में दो, सिरोही में 17, टोंक में छह और उदयपुर में 18 संक्रमित पाए गए हैं। विभाग के अनुसार इनमें 14 हजार 958 एक्टिव मामले हैं।
जीवन रक्षा के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं – मुख्यमंत्री
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से लोगों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी। गहलोत ने आज कहा कि चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और उन्हें मजबूत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार के लगातार प्रयासों और सतर्कता से राज्य में पिछले कुछ महीनों में कोविड की जांच एवं उपचार के लिए राजधानी से लेकर जिलों तक चिकित्सा सुविधाओं का मजबूत नेटवर्क स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में कहीं भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है। हमारे पास 3018 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से 872 ही उपयोग में आ रहे हैं। इसी प्रकार 913 आईसीयू बेड में से 406 और 490 वेंटीलेटर में से 113 पर ही रोगी हैं।
भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए जयपुर के आरयूएचएस, जयपुरिया हॉस्पिटल तथा रेलवे हॉस्पीटल में 50-50 नये ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई गई है। संभागीय मुख्यालयों के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। हम कहीं भी ऑक्सीजन बेड्स की कमी नहीं आने देंगे। 130 डेडिकेटेड अस्पताल चिन्हित हैं। इसके अलावा 292 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं।
गहलोत ने कहा है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमने यह व्यवस्था भी की है कि यदि सरकारी अस्पताल में बेड पूरी तरह भर जाएं तब आवश्यकता होने पर निजी चिकित्सालयों में भी कोविड रोगियों को निशुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी। जिला कलक्टरों को इस संबंध में आदेश दे दिए गए हैं।
साथ ही साधन सम्पन्न वे लोग जो स्वयं के खर्चे पर निजी अस्पतालों में उपचार कराना चाहें, उन्हें भी उचित दरों पर इलाज सुलभ कराने के लिए निजी अस्पतालों एवं लैब में कोविड उपचार एवं जांच की दरें निर्धारित कर दी हैं, ताकि किसी से अधिक राशि नहीं ली जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए यह व्यवस्था भी की है कि जिन रोगियों की स्थिति गंभीर नहीं है, उन्हें वे निर्धारित दरों पर नजदीकी होटल में भी रख सकते हैं, ताकि अस्पताल में गंभीर रोगियों के लिए ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड की कमी नहीं रहे। इसके लिए उनको जिला कलक्टर की अनुमति लेनी होगी।
गहलोत ने कहा कि देशभर में पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ रही है। यहां भी पॉजिटिव मामले बढ़े हैं, लेकिन समन्वित प्रयासों से हम मृत्यु दर न्यूनतम रखने में कामयाब रहे हैं। हमारे कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में रिकवरी दर लगातार बेहतर हुई है। वर्तमान में यह 81.33 प्रतिशत है।