सबगुरु न्यूज-सिरोही। पांच साल पहले निकाय चुनावों में जिले की चारों नगर पालिकाओं में कांग्रेस का कब्जा था। तब कांग्रेस बोर्डों में हुए भ्रष्टाचारों को मुद्दा बनाकर भाजपा सिरोही, शिवगंज, पिण्डवाड़ा और माउण्ट आबू नगर निकायों में पर काबिज हुई थी। अब कांग्रेस से बड़े भ्रष्टाचार के आरोपों में भाजपा घिरी हुई है।
सिरोही और शिवगंज के सभापतियों को ऐसे आरोपों के साथ सरकार ने निलंबित कर चुकी है, हाईकोर्ट से भी दोनों को राहत नहीं मिल पाई। पिण्डवाड़ा की सभापति को तो ऐसे ही आरोपों के साथ खुद भाजपा पार्षदों ने ही अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटा दिया था। रहा माउण्ट आबू का सवाल तो वहां की पत्रावलियां भी डीएलबी में जांच के दायरे में पहुंच चुकी हैं।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि खुदको नील टिनोपॉल में धुली हुई झकाझक सफेद पार्टी के रूप में पेश करने वाली भाजपा पिछली कांग्रेस की तरह जनता दरबार में किस मुंह से जाएगी। कांग्रेस भले ही एकजुट नहीं हो, लेकिन निकाय चुनावों में उसका मूल मकसद रावण के नाभि कलश की तरह भाजपा के कथित भ्रष्टाचार के घड़े पर निशाना साधने की है।
-जनता की जमीनों पर सबसे ज्यादा कुनीयत
निकायों के पास शहर के विकास के लिए उनकी निजी आय सबसे बड़ा साधन होती है। इसमें सबसे बड़ी संपत्ति जमीनें हैं। यह जनता का धन है, लेकिन भाजपा बोर्डों में इन जमीनों को औने पौने दामों में बेचने और खुद पार्टी ने इन पर कब्जा करने के मामले सामने आए हैं। इनमें से कुछ मामलों मे तो जांच एजेंसियों ने मोहर लगा दी है।
सबसे बड़ा प्रकरण तो सिरोही जिला मुख्यालय पर अपनी पार्टी का कार्यालय बनाने के लिए सबसे बेशकीमती जमीन को हथियाने का सामने आया था। स्टोर के माध्यम से ओवरबिलिंग करके एक रुपये की चीज दस रुपये में खरीदने के आरोप से भी भाजपा घिरी रही। कांग्रेस का अरोप है कि भाजपा के जमीनों की अनियमितताओं के मामले कांग्रेस के बोर्डों से भी ज्यादा हैं।
-विधायकों ने भी कुछ कम तबाह नहीं किया
विधायक शहरी निकायों में आमंत्रित सदस्य होते हैं। फिलहाल सिरोही जिले के चार निकायों में शिवगंज और सिरोही सिरोही विधानसभा में आते हैं और पिण्डवाड़ा व माउण्ट आबू निकाय पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा में। दोनों के विधायक इन निकायों के आमंत्रित सदस्य हैं। सांसद भी निकायों के आमंत्रित सदस्य हैं।
सांसद और पूर्व विधायक ने कभी सिरोही और शिवगंज नगर निकायों की बैठकों में सक्रिय और योजनागत मुद्दों को लेकर हिस्सा नहीं लिया। पिण्ड़वाड़ा विधायक और सांसद ने माउण्ट आबू की नगर निकाय की बैठक में कई बार रुचि दिखाई, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि वह वहां के लिए कुछ माइलस्टोन नहीं कर पाए। पिण्डवाड़ा पर तो पहले भी सौतिया ढाह थी अब भी है।