सिरोही। सिरोही नगर परिषद में भाजपा बोर्ड में हुए भ्रष्टाचार में आरोपित भाजपा नेता और उस समय के कर्मचारी डेढ़ माह बाद गिरफतार हो सकते हैं। राजस्थान हाईकोर्ट के द्वारा सिरोही मैं पूर्व भाजपा बोर्ड के भ्रष्टाचार को लेकर हुए निर्णय से ऐसा संभव है।
राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में सिरोही नगरपरिषद ने गत भाजपा बोर्ड में हुए घोटालों को लेकर दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग को लेकर दर्ज की गई याचिकाओं का निस्तारण करते हुए एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि पुलिस अधीक्षक सिरोही के समक्ष 15 दिवस के भीतर अपना ज्ञापन प्रस्तुत करे जिसका डेढ माह में निस्तारण करने का पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया है। इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर डेढ माह तक रोक रहेगी।
उच्च न्यायालय ने आपराधिक विविध याचिका नम्बर 196/2021, 923/2021, 1068/2021, 1060/2021, 147/2021, 4691/2019, 5219/2019, 591/2021, 1071/2021, 593/2021, 1074/2021, 1479/2021 का निस्तारण करते हुए अपना निर्णय दिया। यह याचिकाएं दिलीप माथुर, ताराराम माली, रामलाल परिहार, मदन दत्ता, जगदीशलाल बारोलिया, लालसिंह राणावत की ओर से अलग अलग दायर की गई थी। इनमे सर्वाधिक याचिकाएं ताराराम माली व रामलाल परिहार की ओर से दायर की गई थी।
याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय के समक्ष एफआईआर निरस्त करने के लिए जो तथ्य प्रस्तुत किए थे उनसे न्यायालय ने असहमति प्रकट की और एफआईआर निरस्त करने से इंकार कर दिया। न्यायालय ने आरोपियों को छूट दी है कि वे चाहे तो 15 दिवस के भीतर पुलिस अधीक्षक को अपना ज्ञापन प्रस्तुत कर सकते हैं जिसका निस्तारण उनके द्वारा डेढ माह में कर लिया जाएगा। इसके बाद पुलिस गुणावगुण के आधार पर इन्हें गिरफ्तार कर सकेगी।