बिश्केक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिस्तान के बिश्केक में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद को समर्थन, पनाह और पोषित करने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराया जाना जरूरी है। साथ ही उन्होंने आतंकवाद मुक्त विश्व की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने पर बल दिया।
मोदी ने एससीओ के सदस्य देशों के बीच स्वास्थ्य, आर्थिक, वैकल्पिक ऊर्जा, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कारगर प्रयास करने पर भी जोर दिया। इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, रुस के के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत सदस्य देशों के प्रमुख नेता उपस्थित थे। मोदी ने सभी देशों से मिलकर काम करने का आह्वान किया।
मोदी ने नौ जून की अपनी श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो की यात्रा का ,जहां हाल ही में सिलसिलेवार आतंकवादी हमले हुए थे, जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए मानवाधिकार में विश्वास रखने वाले देशों को सामने आना चाहिए और मिलकर काम करना चाहिए।
आतंकवाद को समर्थन देने और आतंकवादियों को वित्तीय मदद पहुंचाने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना जरुरी है। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए एससीओ के सदस्यों देशों को एक दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईरानी राष्ट्रपति डॉ हसन रूहानी के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि मोदी बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेनको, मंगोलिया के राष्ट्रपति खाल्तमागिन बट्टुलगा और कजाखस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोरमार्ट के साथ भी वर्ताएं करेंगे।
मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रतिनिधि-मंडल स्तरीय वार्ता के दौरान कहा कि हम शांतिपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारत ने इस ओर प्रयास किया है लेकिन ये प्रयास विफल कर दिए गए हैं (पाकिस्तान द्वारा)।
विदेश सचिव विजय गोखलने ने यहां मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिनपिंग को सूचित किया है कि पाकिस्तान को आतंकवाद-मुक्त वातावारण निर्माण करने की जरूरत है और इस वर्तमान में हम ऐसा होता हुआ नहीं देख रहे हैं इसलिए हम पाकिस्तान से भारत द्वारा प्रस्तावित सभी मुद्दों पर ठोस कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं।
विदेश सचिव ने कहा कि मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों राष्ट्रों के बीच मजबूत सहयोग के लिए तेल संबंधी लिंक की पहचान की है।