अजमेर। एक तरफ पूरा देश रविवार को प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि मना रहा था, वहीं दूसरी तरफ नेहरू के नाम से चल रहे जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज में सन्नाटा पसरा था। कॉलेज के बाहर चौराहे पर लगी नेहरू की प्रतिमा पर शहर के कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं का जमावडा लगा लेकिन कॉलेज के भीतर लगी प्रतिमा पर जमी धूल तक हटाने वाला कोई न था। बाहर लगी नेहरू की प्रतिमा पुष्पांजलि के कारण फूलमालाओं से लकदक नजर आ रही थी और भीतर की प्रतिमा पर कुल जमा तीन पुरानी सूख चुकीं मालाएं और जमा धूल अनदेखी की कहानी बयां कर रही थी।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि के अवसर पर अजमेर में कांग्रेस और अन्य संगठनों ने जगह जगह श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए। मुख्य कार्यक्रम जेएलएन मेडिकल कॉलेज के बाहर लगी नेहरू प्रतिमा के समक्ष था। सैकडों की संख्या में सुबह से दोपहर तक पुष्पांजलि अर्पित करने वालों का आना जाना बना रहा।
इसी दौरान कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ध्यान में आ गया कि मेडिकल कॉलेज भवन के भीतर भी नेहरू की प्रतिमा है, क्यों न वहां भी पुष्पांजलि अर्पित कर दी जाए। कुछ उर्जावान कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां सन्नाटा पसरा था। नेहरू की पुण्यतिथि के मद्देनजर कॉलेज प्रशासन की तरफ से न तो कोई आयोजन रखा गया और न ही नेहरूजी की प्रतिमा की ही सुध ली गई।
देखते ही देखते इस मामले ने तूल पकड लिया और राजनीतिक गुणा भाग होने लगा। नेहरू की पुण्यतिथि पर भी जवाहरलाल नेहरू के नाम से बने मेडिकल कॉलेज में नेहरूजी की ही अनदेखी पर कांग्रेसजन खफा नजर आए। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने इस मसले पर दो टूक कहा कि राजनीतिक द्वेष्तावश भाजपा के शासन में जानबूझकर नेहरूजी की पुण्यतिथि पर ऐसा कृत्य किया गया है। कॉलेज प्रशासन बीजेपी के ईशारे पर काम कर रहा है इसलिए नेहरूजी की पुण्यतिथि पर भी कैम्पस में लगी प्रतिमा की सुध नहीं ली गई।
कांग्रेस के ही वरिष्ठ पदाधिकारी मनीष सेन ने कहा कि नेहरूजी देश के प्रथम प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि तो जन जन के प्रिय नेता रहे हैं, खासकर शिक्षा मंदिरों और बच्चों के प्रति उनका प्रेम जगहाजिर है। ऐसे सर्वमान्य नेता की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा की अनदेखी किया जाना राजनीतिक कुंठा की निशानी है। कॉलेज प्रशासन की तरफ से की गई नेहरू प्रतिमा की अनदेखी बीजेपी नेताओं के ईशारों पर ही की गई होगी। कॉलेज प्रशासन का यह कृत्य यहां में पढने वाले और यहां से डाक्टरी की पढाई पूरी कर चिकित्सकीय सेवा कर रहे हजारों छात्रों का भी अपमान है।
इनका कहना है
पूरे प्रकरण पर सफाई देते हुए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरके गोखरू ने माना कि कॉलेज प्रशासन की तरफ से नेहरूजी की पुण्यतिथि पर किसी तरह का आयोजन नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि रविवार होने की वजह से कॉलेज में अवकाश था। बाकी सवालों के जवाब देने से उन्होंने यह कहते हुए कन्नी काट ली कि वे खुद इन दिनों अवकाश पर चल रहे हैं।
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