अजमेर। अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने कहा है कि देश की दरगाहों के प्रमुख सज्जादानशीन शांति और सदभावना का पैगाम लेकर कश्मीर जाएंगे।
जनाब आबेदीन खान ने कहा कि सूफी नेतृत्व वाला एक शिष्टमंडल आगामी 12 तारीख को जम्मू कश्मीर जाएगा और 14 तारीख तक वहीं रहकर कश्मीर के युवाओं को अमन शांति का पैगाम देगा।
उन्होंने कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां के शिक्षित युवक, युवतियों, नौजवानों को यह बताना जरुरी है कि कश्मीर मुद्दे से इस्लाम का कोई लेना देना नहीं है। वे किसी के गलत बहकावे में न आए और राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़े रहे।
उन्होंने बताया कि शिष्टमंडल में राजस्थान के अजमेर, जयपुर, झुंझुनू के अलावा हैदराबाद, नई दिल्ली, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, बिहार, तेलंगाना की दरगाहों के युवा उत्तराधिकारी मेरे पुत्र जनाब नसीरूद्दीन चिश्ती के नेतृत्व में कश्मीर जाएगा और वहां संवाद कायम कर माहौल व हालातों का जायजा लेगा।
जनाब आबेदीन खान ने कहा कि जम्मू कश्मीर सूफीवाद के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज के साथ उनका विशेष संबंध है और हम सभी का दायित्व है कि जम्मू कश्मीर में समृद्धि के लिए हमें एक सेतू बनकर काम करना चाहिए।
सीमाओं के पार से झूठे प्रचार ने एक तरफ विकास और समृद्धि के बीच युद्ध और दूसरी तरफ अमानवीयता और पीड़ाओं को पैदा किया है। इस विषमता को दूर करने के लिए सूफी युवाओं का समूह जो कि सज्जादानशीन के उत्तराधिकारी है, देश की विभिन्न दरगाहों से शिष्टमंडल के साथ कश्मीर पहुंचेंगे जिसकी सूचना भारत सरकार व कश्मीर के राज्यपाल को दे दी गई है।