नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को व्यवस्था दी है कि न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित कोर्ट दस्तावेज सूचना के अधिकार (RTI) के तहत नहीं हासिल किए जा सकते।
न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने इस मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए मुख्य सूचना आयुक्त की अपील खारिज कर दी।
खंडपीठ की ओर से न्यायमूर्ति भानुमति ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कोई तीसरा पक्ष कोर्ट दस्तावेज या न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित जानकारियां आरटीआई कानून के तहत हासिल नहीं कर सकता है।
न्यायमूर्ति ने 38 पन्नों के फैसले का मूल सार पढ़ते हुए कहा कि जहां तक तीसरे पक्ष के अधिकार की बात है तो वे आरटीआई के तहत न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित सूचना हासिल करने/दस्तावेजों, आदेशों एवं अन्य कार्यवाहियों की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने के हकदार नहीं हैं।
न्यायालय ने कहा है कि ऐसा नहीं है कि तीसरे पक्षों को ऐसी जानकारियां देने से बिल्कुल मनाही है, लेकिन इसके लिए विभिन्न उच्च न्यायालय में कुछ प्रक्रियाएं हैं। आरटीआई के तहत ये जानकारियां नहीं दी जा सकतीं।