अजमेर। अजमेर के क्रिश्चियनगंज थाना क्षेत्र में 12 जून को एक नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ के आरोपों से घिरे भाजपा नेता सोमरत्न आर्य की अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र पर आज हुई सुनवाई पर फैसला कल तक के लिए टल गया।
पोक्सो एक्ट की विशेष अदालत के न्यायाधीश रतनलाल मूड ने शुक्रवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। आरोपी सोमरत्न आर्य के वकील ने अदालत को दलील दी कि भाजपा नेता आर्य राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन के कई संगठनों के पदों पर आसीन हैं और उन पर द्वेषतावश झूठा आरोप लगाया गया है।
उन्होंने अदालत को भरोसा दिलाने का प्रयास किया कि आर्य पुलिस एवं अदालत को जांच में पूरा सहयोग करेंगे इसलिए उन्हें जमानत दी जाए। दूसरी ओर पीड़िता के वकील भरत शर्मा ने अदालत को बताया कि पत्नी की गैरमौजूदगी में 12 जून की रात्रि को आर्य ने उसी अपार्टमेंट में रहने वाली नाबालिग पीड़िता को घर बुलाकर परीक्षा में उसके अच्छे अंक आने पर एक पूर्व मंत्री के हाथों सम्मानित कराए जाने का प्रस्ताव रखने के दौरान छेड़छाड़ की जो उनकी बदनीयती को सिद्ध करने के लिए प्रथम दृष्टयां पर्याप्त है।
इधर, अतिरिक्त लोक अभियोजक भवानी सिंह रोहिल्ला ने भी अदालत से अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र को खारिज करने की अपील की है। दरअसल आरोपी आर्य और नाबालिग पीड़िता का परिवार कोटड़ा क्षेत्र के एक ही अपार्टमेंट में रहते है।
उल्लेखनीय है कि 30 जून को पीड़िता के पिता की ओर से क्रिश्चियनगंज थाने में पोक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। तभी से आरोपी सोमरत्न आर्य भूमिगत हो गए हैं।