दुबई। कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ महामारी के मद्देनजर लाल गेंद की चमक को बरक़रार रखने के लिए मुंह की लार लगाने पर पाबंदी की संभावनाओं के बीच क्रिकेट में सबसे बड़ा अपराध माने जाने वाले बॉल टेंपरिंग के इस्तेमाल को वैध करने पर विचार किया जा सकता है।
क्रिकेट को फिर से शुरू किए जाने से पहले अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद मेडिकल समिति की तरफ उठाए गए प्रश्नों में एक मुद्दा यह भी है कि गेंद को चमकाने के लिए थूक या मुंह की लार के इस्तेमाल को रोका जाए और गेंद को रिवर्स स्विंग कराने के लिए अलग कदम या उपायों को सुझाया जाए।
इस बात की संभावना पर विचार किया जा सकता है कि गेंद को चमकाने के लिए कृत्रिम चीजों के इस्तेमाल को मंजूरी दी जाए और बॉल टेंपरिंग को वैध करार दिया जाए। 2018 के शुरू में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ, उपकप्तान डेविड वार्नर और ओपनर कैमरून बेनक्राफ्ट को केपटॉउन के तीसरे टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ का दोषी पाया गया था और उन पर खेल से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले में अपनी जांच के बाद स्मिथ और वार्नर पर एक-एक साल तथा बेनक्राफ्ट पर नौ महीने का प्रतिबंध लगाया था। स्मिथ को साथ ही दो साल के लिए कप्तानी करने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया था जबकि वार्नर को कप्तानी करने से आजीवन प्रतिबंधित किया गया था।
बॉल टेंपरिंग को वैध करने के मुद्दे को लेकर आईसीसी क्रिकेट समिति (आईसीसी) और मेलबोर्न क्रिकेट समिति (एमसीसी) वीडियो कॉन्फरेंस के जरिये मई के अंत या जून की शुरुआत में चर्चा कर सकते है।
गेंद पर थूक लगाए जाने को लेकर जब ऑस्ट्रेलियाई टीम के तेज गेंदबाज पेट कमिंस और जोश हेज़लवुड से हाल में इस बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि अगर गेंद पर थूक लगाने पर पाबन्दी लगाई जाएगी तो गेंदबाजों के लिए गेंद को चमकाने के लिए कोई तरीका नहीं रह जाएगा और गेंद को स्विंग कराना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
इस मुद्दे पर क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर का कहना है कि कोरोना का संकट निकल जाने के बाद क्रिकेट की दुनिया काफी हद तक बदल जाएगी और गेंदबाज मुंह की लार का गेंद पर इस्तेमाल करने से बचेंगे। खिलाड़ी व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखेंगे और मैदान में भी सामाजिक दूरी बनाएंगे। यह भी हो सकता है कि विकेट लेने के बाद टीम के जश्न मनाने का अंदाज ही बदल जाए।
आईसीसी मेडिकल समिति के अध्यक्ष डॉ पीटर हारकोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगाए प्रतिबंधों के बाद खेल को फिर से शुरू करने से पहले जांच करने वाली एक सूची बनाई जायेगी। वर्तमान स्थिति बेहद खतरनाक है और कोरोना वायरस को लेकर अभी और भी जानकारी जुटाना जरुरी ताकि उसी के अनुसार निर्णय लिए जा सके।
उन्होंने कहा कि आईसीसी मेडिकल समिति चिकित्सा प्रतिनिधियों के साथ काम कर रही है ताकि उन मुद्दों का पता लगाया जा सके जिसका क्रिकेट सामना कर रहा है। हमारा अगला कदम अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को फिर से शुरू करने और उन चीजों की सूची बनाने का है जिन पर निर्णय और जांच की जा सके। इसमें सरकारों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध तथा अन्य कारणों को भी शामिल किया जाएगा।