नई दिल्ली। कोरोना पॉजिटिव सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है, इसलिए पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही घबराना नहीं चाहिए, घर पर रहकर ही संक्रमण का बहुत अच्छी तरह इलाज किया जा सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि दरअसल कोरोना संक्रमित मरीज को अपनी दिनचर्या, आहार, व्यायाम आदि पर ध्यान देने की जरूरत होती है जो मरीज को ठीक करने में अहम हैं।
सरकारी मेडिकल कॉलेज गुजरात के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ. पारुल वडगामा का कहना है कि आइसोलेशन या घर पर रहने वाले कोरोना के हल्के लक्षण या बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज किया जा सकता है। सबसे पहले यदि कोरोना के लक्षण जैसे बुखार, जुकाम, खांसी, बदन दर्द, थकान आदि हैं तो सबसे पहले घर के एक स्वच्छ हवादार कमरे में खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए।
कपड़े और बर्तन अलग करें और इन्हें अलग ही धोना चाहिए। इसके लिए डिस्पोजेबल या एक ही बार प्रयोग किए जाने वाले बर्तन भी प्रयोग किया जा सकता है जिन्हें प्रयोग करने के बाद फेंक देना चाहिए। एसी या वातानुकूलित कमरें से दूर रहकर चिकित्सक से टेलीमेडिसिन पर संपर्क कर बताई गई दवाएं ली जा सकती हैं।
सकारात्मक सोचे और चिंता मुक्त रहना बेहतर है, अच्छी किताबें और अच्छा संगीत सुना जा सकता है। फोन पर अपने परिजन या दोस्तों से बात की जा सकती है। सबसे जरूरी है कि पूरी तरह आराम करने के साथ बताई गई दवाएं जरूर लेते रहना चाहिए।
डॉ वडगामा ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों की नसों में संकुचन हो सकता है, इसलिए कोई भी बहुत थकाने वाली एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। सामान्य श्वांस संबंधी व्यायाम किया जा सकता, जैसे कि प्राणायाम, मांसपेशियों के खिंचाव के लिए व्यायाम इसके साथ ही गहरी सांस लेने और छोड़ने से भी श्वसन प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है।
आइसोलेशन में रहते हुए हेल्थ मानकों की नियमित मॉनिटरिंग के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि बुखार और ऑक्सीजन के स्तर को हर चार घंटे में जांचना चाहिए, एक मिनट में आप कितनी बार सांस ले रहे हैं, इसकी गिनती करके भी शरीर में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाया जा सकता है।
एक और आसान जांच है, दिन में दो बार छह मिनट तक टहलें, टहल कर कमरे में आने के बाद एक फिर अपना ऑक्सीजन स्तर जांचें, यदि ऑक्सीजन का स्तर अब भी 94 या इसके कम है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें, इसके साथ ही यदि दम घुटने जैसा महसूस हो रहा है, और यदि कोई एक मिनट में बीस बार से अधिक बार सांस ले रहा है, तो चिकित्सक को सूचित करें।
डॉ वडगामा ने अस्पताल में भर्ती होने के सम्बन्ध में कहा कि यदि आपको लगातार 100 डिग्री से अधिक बुखार बना हुआ है और बुखार दवाओं से भी कम नहीं हो रहा है, इसके साथ ही सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है और ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम हो गया है, इसके साथ ही कई अन्य परेशानी हो तो आप तुरंत अस्पताल में भर्ती होने के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
कोविड जांच दोबारा कराने के सन्दर्भ में डॉ वडगामा ने कहा कि आजकल चिकित्सक कोविड की दोबारा जांच कराने की सलाह नहीं देते क्योंकि कई मरीजों में 14 दिन के बाद भी आरटी पीसीआर फाल्स पॉजिटिव दिखाता है।
नई गाइडलाइन के अनुसार 10 दिन का समय सुरक्षित घर में बिताकर लोग क्वारंटाइन समय बंद कर सकते हैं यह संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त है। इससे पहले इस्तेमाल की गई सभी चीजें और कमरे को सेनेटाइज करना जरूरी है। कमरे को सेनेटाइज करने के लिए हाइड्रोजन ऑक्साइड और ब्लीचिंग केमिकल का भी प्रयोग कर सकते हैं।