नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना संकट को जिंदगी में बदलाव का बड़ा अवसर बताया है और इसे अपना कर आगे बढ़ने की सलाह देते हुए हिदायत दी कि ग्रामीण जीवन में परिवर्तन लाने के लिए मिला यह मौका हाथ से जाना नहीं चाहिए।
गांधी ने ग्रामीण बैंक के संस्थापक एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के साथ बातचीत में कहा कि कोरोना में इस संबंध में एक नई संकल्पना का अवसर दिया है और अब गांवों के साथ समानता का व्यवहार किया जाना जरूरी है क्योंकि गांव ही देश की आत्मा है।
कोरोना संकट से हमें चीजों को फिर से जोड़कर पुननिर्माण करने का मौका मिला है और शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक चीजों को नए सिरे से तैयार करने साथ ही तकनीक को मजबूत बनाकर विनिर्माण के अवसर देने होंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना देश के लिए बहुत बड़ा संकट बनकर आया है लेकिन यह संकट सबकी जिंदगी में बदलाव लेकर भी आया है। इस बदलाव को अपनाकर सबको आगे बढ़ना होगा। अगर इस बदलाव के बाद भी हम आगे नहीं बढ़ते हैं तो हमने देश के रूप में यह अवसर गंवा दिया है। हमारे देश की युवाशक्ति के पास राष्ट्र निर्माण करने की अपार क्षमता है और इस संकट में क्षमता का प्रयोग राष्ट्र निर्माण में किया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर फंस गए थे और अपने गांवों में वापस जाने के लिए मजबूर थे। कांग्रेस ने महसूस किया कि उन्हें तत्काल भोजन और सीधे नकद पैसे देने की आवश्यक है क्योंकि अनियोजित लॉकडाउन गरीब मजदूरों की जिंदगी में परेशानियां लाने वाला था। गरीब मजदूरों को इस स्थिति में तत्काल आर्थिक सहायता के साथ-साथ राशन देने की आवश्यकता थी लेकिन भाजपा सरकार ने गरीबों के प्रति अलग ही दृष्टिकोण अपना रखा था।
गांधी ने कहा कि देश के लोगों और खासकर युवाओं की स्पष्ट भावना है कि कुछ बहुत गलत हो गया है। अमीर और गरीब के बीच विशाल अंतर है तथा अब कुछ नया होना जरूरी है लेकिन इसके लिए लोगों पर विश्वास करना होगा। लाेगों पर विश्वास करके ही उस विश्वास को सशक्त बनाने वाली संस्थाओं का निर्माण शुरू कर कामयाब एवं विकसित होने का अवसर लोगों को देना होगा।
उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में एक बड़ी संस्था बनाई, जिसके जरिए लाखों महिलाएं सशक्त बनीं, लाखों महिलाओं ने गरीबी को दूर किया। मेरा मानना है कि विकेन्द्रीकृत विनिर्माण ग्रामीण परिवेश में नहीं हो सकता। आपको शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से पुनर्गठित करना होगा। स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्थाओं के पूरी तरह से पुनर्गठन की आवश्यकता होगी।
सूक्ष्म उद्यम हमारे भविष्य हैं। यह वह जगह है, जहाँ पैसा लगाया जाना चाहिए, जहां विकास होने वाला है लेकिन किसी कारण से व्यवस्था उनमें दिलचस्पी नहीं लेती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उद्योग तथा प्रवासी मजदूरों को तत्काल बड़ी राहत देने की जरूरत है। कोरोना महामारी की वजह से उद्योग और प्रवासी मजदूरों पर काफी दबाव है। भाजपा सरकार को देश की रीढ़ उद्योग और प्रवासी मजदूरों के लिये काम करना पड़ेगा।