नई दिल्ली। सरकार ने कृषि क्षेत्र पर कोरोना संकट के असर को कम करने के लिए किसानों के फसल ऋण लौटाने की सीमा तीन माह बढाने की गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा कि छोटे किसानों को खेती के लिए रिण उपलब्ध कराने के वास्ते 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी किए जायेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की दूसरी किश्त की आज यहां संवाददाता सम्मेलन में घोषणा करते हुए कहा कि किसानों को जो फसली रिण एक मार्च तक लौटाना था उसे बढाकर 31 मई तक कर दिया गया है। तीन करोड़ किसानों को चार लाख 21 हजार करोड़ रुपए के फसली ऋण दिए गए थे जिन पर ब्याज सहायता भी दी जाती है।
उन्होंने कहा कि लघु और सीमांत किसानों को 25 लाख नये केसीसी जारी किए जाएंगे जिसके माध्सम से उन्हें 25 हजार करोड़ रुपए की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मार्च और अप्रैल के दौरान 63 लाख किसानों को 86600 करोड़ रुपए का कृषि ऋण दिया गया है।
सरकार ने इस वर्ष मार्च के बाद सहकारिता बैंकों को ग्रामीण क्षेत्र में ऋण सुविधा बढाने के लिए 29500 करोड़ रुपए का पुन: वित्त पोषण करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा नाबार्ड के माध्यम से 30 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराए जाएंगे जिससे सहकारिता बैंकों के माध्यम से तीन करोड़ लघु और सीमांत किसानों को रिण उपलब्ध हो सकेंगे। यह राशि नाबार्ड द्वारा वार्षिक आधार पर दिए जाने वाले 90 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त होगी। केन्द्र सरकार ने किसानों से फसलों की खरीद के लिए राज्यों को 6600 करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्ध कराई है।
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