जयपुर। राजस्थान के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोक कलाकारों की सहायता के लिए अर्पण फाउंडेशन की ओर से शुरू की गई डिजिटल कोविड रिलीफ कॉन्सर्ट सीरीज पधारो म्हारे देस लोक कलाओं और लोक कलाकारों के लिए मजबूत सहारा साबित हुई है।
इस सीरीज की अवधारणा गायिका और लोक कला समर्थक मनीषा ए अग्रवाल ने की है। फाउंडेशन ने अब तक अपने इन्हीं प्रयासों के माध्यम से 125 से अधिक लोक कलाकारों का समर्थन किया है और कई अन्य कलाकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का विनम्र प्रयास किया जा रहा है। डिजिटल कोविड रिलीफ कॉन्सर्ट श्रृंखला पधारो म्हारे देस की शुरुआत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी। इसके तहत जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जयपुर और राज्य के अन्य हिस्सों के लोक कलाकारों ने नृत्य और संगीत की प्रस्तुति के जरिये अपने हुनर का प्रदर्शन किया है।
इसी सीरीज के चौथे एपिसोड के तहत रविवार को ‘बसंतोत्सव’ का आयोजन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया गया। इस अवसर पर ए अग्रवाल ने कहा, आम तौर पर यह माना जाता है कि एक कलाकार को देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त है। इस सीरीज के चौथे एपिसोड के माध्यम से हम ‘बसंत’ का जश्न मना रहे हैं और इन अर्थों में यह एपिसोड दुनिया भर के कलाकारों को समर्पित है।
श्रृंखला के चौथे एपिसोड के अतिथि कलाकार प्रतिष्ठित गायक और संगीतकार तोची रैना (कबीरा के गायक) ने अपनी पुरअसर और शानदार आवाज में जुगनी और कबीरा जैसे गीत गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद राजस्थान के ख्याति प्राप्त लोक कलाकार मामे खान ने सूफियाना कलाम ‘छाप तिलक सब छीन ली रे मोसे नैना मिलाई के पेश करते हुए श्रोताओं का दिल जीत लिया। इनके साथ ही बुंदू खान लंगा (लंगा गायक), महेशा राम और समूह (मेघवाल), रूपा और पूनम सपेरा (कालबेलिया), दापू खान और समूह (मांगणियार) और महबूब खान लंगा ने भी अपने सुरों का जादू बिखेरा।