नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबरीमाला मंदिर के बारे में दिए गए बयान को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की है और आरोप लगाया कि मोदी ने अपने बयान से साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कर आदर्श चुनाव आचार सहिंता का उल्लंघन किया है।
पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य नीलोत्तपल बसु ने मंगलवार काे मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील आरोड़ा को पत्र लिखकर यह शिकायत की है। बसु ने अपने पत्र में लिखा है कि इस बार चुनाव में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कर चुनाव के माहौल को दूषित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 अप्रेल को तमिलनाडु के रामनाथपुरम तथा कर्नाटक के बेंगलूरु में अपनी एक चुनावी रैली में भाषण देकर इस प्रवृत्ति को दर्शाया है।
उन्होंने अपनी रैली में कहा है कि कम्युनिस्ट और मुस्लिम लीग के लोग सबरीमाला के मामले में खतरनाक खेल खेल रहे हैं और लोगों आस्था पर हमला कर रहे हैं। जब तक भारतीय जनता पार्टी रहेगी तब तक कोई व्यक्ति लोगों की आस्था पर चोट नहीं पहुंचा सकता है।
बसु ने पत्र में कहा है कि मोदी का यह बयान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का उदाहरण है। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि सबरीमाला के मंदिर का मुद्दे को चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं किया जाए लेकिन मोदी ने अपने बयान से आयोग के इस आदेश का भी उल्लंघन किया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि वाम मोर्चा सरकार ने बार-बार कहा है कि वह लोगों की आस्था के खिलाफ नहीं है बल्कि वह सबरीमाला के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को केवल लागू करने में लगी है, इसलिए आस्था के नाम पर प्रधानमंत्री का यह बयान आदर्श आचार चुनाव संहिता का उल्लंघन है।
माकपा नेता ने कहा कि चुनाव आयोग ने कुछ नेताओं के खिलाफ आदेश जारी किए हैं, यह देखते हुए उससे हम अनुरोध करते हैं कि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ भी इस मामले में तत्काल कार्रवाई करें।