जयपुर। राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने आज बताया कि एक जून को सभी जिलों में एक साथ किसानों के लिए फसल रहन ऋण वितरण का शुभारंभ किया जाएगा।
आंजना ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में किसानों को कम दामों पर फसल नही बेचनी पडे़ इसके लिए उपज रहन ऋण को तीन प्रतिशत ब्याज दर पर देने का ऎतिहासिक फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस फैसले को अमलीजामा देते हुए एक जून को सभी जिलों में किसानों को एक साथ फसल रहन ऋण वितरण शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष कृषक कल्याण कोष से 50 करोड रूपये का अनुदान इस योजना के लिए किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि योजना में 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान राज्य सरकार वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि लघु एवं सीमान्त किसानों को 1.50 लाख रूपये तथा बड़े किसानों को 3 लाख रूपये रहन ऋण के रूप में मिलेंगे। किसान को अपनी उपज का 70 प्रतिशत ऋण मिलेगा। बाजार में अच्छे भाव आने पर किसान अपनी फसल को बेच सकेगा। इस योजना से किसान की तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताएं पूरी होगी।
विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि सरकार की प्रतिवर्ष दो हजार करोड़ रूपये रहन ऋण के रूप में किसानों की मदद करने की मंशा है।
उधर प्रबंध निदेशक, राजफैड़ सुषमा अरोड़ा ने बताया कि सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर दो लाख आठ हजार टन से अधिक खरीद हो चुकी है। उन्होंने बताया कि 52 हजार 921 किसानों को 4.91 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है।
प्रबंध निदेशक अपेक्स बैंक परशुराम मीणा ने बताया कि 7 लाख 82 हजार से अधिक किसानों को 2 हजार 377 करोड़ रूपये से अधिक का फसली ऋण वितरित हो चुका है।