जयपुर/कोटा। राजस्थान के कोटा में नोवल कोरोना के एक संदिग्ध की रविवार शाम मृत्यु हो जाने के बाद शहर के भीमगंजमंडी थाना क्षेत्र के कुछ इलाके में आज तड़के से कर्फ्यू लगा दिया गया है और घर-घर जाकर जांच शुरू कर दी गई है। इस बीच प्रदेश के 22 जिले कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं।
कोटा के भीमगंजमंडी क्षेत्र के तेल घर इलाके के निवासी एक व्यक्ति को गत शनिवार को सांस लेने में तकलीफ के बाद एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां जांचार्थ लिए नमूने के नतीजे आने से पहले ही संदिग्ध की मृत्यु से प्रशासन सतर्क हो गया और आननफानन में उसके घर के एक किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू लगा दिया।
मृतक के शव को सुरक्षित रखवाने के बाद जिला मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पूरे इलाके में तीन दिन के लिए नाकाबंदी कर दी गई है साथ ही नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
राजस्थान के बाईस ज़िलों में फैला कोरोना वायरस
राजस्थान में कोरोना वायरस ने राजधानी जयपुर सहित 22 ज़िलों में अपने पैर पसार चुका है और इसके नियंत्रण के लिए कई जिलों में कर्फ्यू एवं भीलवाड़ा शहर में महाकर्फ्यू लगा रखा है।
चिकित्सा विभाग के अनुसार सुबह नौ बजे तक प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में जयपुर में सर्वाधिक 92 कोरोना वायरस के मरीज हैं जिनमें सबसे ज्यादा रामगंज क्षेत्र के हैं।
प्रदेश में आज आठ नए मामले सामने आने से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 274 पहुंच गई हैं। रामगंज में कोरोना मरीज सामने आने के बाद गत 27 मार्च को रामगंज सहित शहर के परकोटे में सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। जयपुर में अब तक 1967 लोगों के नमूने जांच के लिए प्राप्त किए गए।
जयपुर के बाद सबसे अधिक 27 मरीज भीलवाड़ा जिले में सामने आए जहां इसे काबू करने के लिए कर्फ्यू के बाद गत तीन अप्रैल को महाकर्फ्यू लागू कर दिया गया, इसके बाद यहां केवल एक मरीज सामने आया जबकि 11 मरीजों को ठीक होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। भीलवाड़ा में अब तक सर्वाधिक 2437 नमूनों की जांच की गई।
भीलवाड़ा में जिस तरह इसके मरीजों के बढ़ने पर काबू पाया गया है उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस पर काबू पाने में प्रदेश की कांग्रेस सरकार का दूसरे प्रदेश की सरकारों के समक्ष बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।
गहलोत ने कहा कि इस समय हमें प्रत्येक कदम बेहद सावधानी से उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा देश में उदाहरण बन गया है जहां राज्य सरकार ने 28 लाख लोगों का घर-घर जाकर टेस्ट किया है, जो कोरोना से जंग में एक मिसाल है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान ने कोरोना वायरस से लड़ने का रास्ता दिखाया है और सख्त लाकडाउन और उचित क्वारेंटाइन तथा प्रर्याप्त टेस्ट से यह संभव हो पा रहा हैं। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा में लोगों को राशन, फल और सब्जी घर घर पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी पार्टियों एवं सभी धर्म के लोगों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
राज्य में इन दो जिलों के अलावा झुंझुनूं में भी काफी पैर पसार लिए है जहां सोमवार को पांच मामले और सामने आने से मरीजों की संख्या 23 पहुंच गई हैं। झुंझुनूं में भी कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया हुआ है।
इसी तरह जोधपुर में 654 नमूनों की जांच में 20 कोरोना वायरस के मरीज सामने आए हैं। टोंक में 18 कोरोनावायरस के मरीज हैं जहां 211 नमूनों की जांच की गई। बीकानेर एवं चुरू में दस दस मरीज सामने आये हैं तथा अजमेर, अलवर, डूंगरपुर एवं भरतपुर में पांच पांच, उदयपुर में चार, दौसा में तीन, पाली एवं प्रतापगढ़ में दो दो तथा धौलपुर, जैसलमेर, करौली, सीकर, नागौर एवं कोटा में एक एक कोरोना मरीज सामने आया है।
हालांकि राज्य में अभी श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जालौर, सिरोही, सवाईमाधोपुर, बून्दी, बांरा, झालावाड़, राजसमंद सहित ग्यारह जिलों में एक भी कोरोनावायरस का मरीज सामने नहीं आया है।
राज्य में अब तक 12 हजार 279 नमूनों की जांच की गई जिसमें 274 की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है जबकि 566 की रिपोर्ट आनी शेष है। पाज़ीटिव मामलों में दो इटली के नागरिक, 33 विस्थापित शामिल हैं। पाज़ीटिव मामलों में 36 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है तथा 25 लोगों को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है। कोरोनावायरस के चलते राज्य में जोधपुर, टोंक, भरतपुर, चूरू आदि जिलों में भी कई थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा गया है।
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अब तक एक करोड़ 11 लाख परिवारों के 4.75 करोड़ लोगों का सर्वे और प्राथमिक तौर पर स्क्रीनिंग हो चुकी है। थोड़े से भी लक्षण दिखते पर उसकी जांच करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि प्रदेश के शत-प्रतिशत लोगों की स्क्रीनिंग हो जाए ताकि कोरोना को कम्यूनिटी में फैलने से रोका जा सके।