गोल्ड कोस्ट। भारतीय शटलर सायना नेहवाल ने बहुप्रतीक्षित मुकाबले में ओलंपिक रजत विजेता पीवी सिंधू के खिलाफ एक बार फिर अपना दबदबा साबित करते हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के आखिरी दिन रविवार को महिला एकल बैडमिंटन स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया और इसी के साथ वह इन खेलों में दो स्वर्ण अपने नाम करने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी भी बन गईं।
लेकिन हाल में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी बने किदाम्बी श्रीकांत को फाइनल में हार के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। सायना का इन खेलों में यह दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने इससे पहले मिश्रित टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक भी जीता था। साथ ही वह गोल्ड कोस्ट में अपने सभी 12 मैचों में अपराजित भी रहीं। सायना के नाम 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक भी है।
महिला एकल के हाईवोल्टेज स्वर्ण पदक मुकाबले में दोनों भारतीय ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी सायना और सिंधू आमने सामने थीं और अनुभवी सायना ने 56 मिनट तक चले मुकाबले में 21-18, 23-21 से जीत अपने नाम करते हुए स्वर्ण जीत लिया जबकि सिंधू के हिस्से में रजत पदक आया।
दूसरी ओर टीम स्पर्धा में मलेशिया के ली चोंग वेई को हराने वाले श्रीकांत स्वर्ण पदक के एकल मुकाबले में दूसरी बार उसी प्रदर्शन को नहीं दोहरा सके और तीन गेमों तक चले कड़े संघर्ष में वह वेई के हाथों 21-19, 14-21, 14-21 से मुकाबला हार कर स्वर्ण पदक गंवा बैठे।
वहीं पुरूष युगल में सात्विकसेराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय जोड़ी को भी स्वर्ण पदक मैच में हार के बाद रजत से संतोष करना पड़ा। युवा भारतीय जोड़ी को इंग्लैंड के मार्कस एलिस और क्रिस लैंगरिच के हाथों 13-21, 16-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी।